Athletics Paralympics: भारत की शीतल देवी (Sheetal Devi) जो बिना बांहों के तीरंदाजी की कला में महारत हासिल कर चुकी हैं, ने हाल ही में एथलेटिक्स पैरालंपिक्स (Athletics Paralympics) में अपने शानदार प्रदर्शन से सबको चौंका दिया है। पेरिस पैरालंपिक में शीतल (Sheetal Devi) ने वुमेंस इंडिविजुअल कंपाउंड रैंकिंग (Women Individual Compound Ranking) दौर में एक अद्वितीय प्रदर्शन किया और दूसरे स्थान पर रही। वह वर्ल्ड रिकॉर्ड से मात्र एक पायदान दूर रह गईं, लेकिन उनकी सटीकता और कौशल ने सभी को प्रभावित किया।

एक वायरल वीडियो में शीतल देवी (Sheetal Devi) को तीरंदाजी करते हुए देखा जा सकता है, जहां वे बिना हाथों के भी पैरों की मदद से तीर उठाकर धनुष में लगाती हैं। इसके बाद, कंधे का सहारा लेकर तीर को खींचती हैं और निशाना लगाती हैं। शीतल (Sheetal Devi) के इस असाधारण कौशल को देखकर लोग चकित रह जाते हैं और उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना करते हैं।

शीतल देवी (Sheetal Devi) का जन्म एक दुर्लभ चिकित्सा स्थिति, फोकोमेलिया के साथ हुआ था, जिसमें अंग पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते। इस स्थिति के बावजूद, उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए तीरंदाजी का रास्ता चुना। शीतल ने पैरों से तीरंदाजी कर अपनी क्षमताओं को साबित किया और दुनिया को दिखाया कि किसी भी बाधा को पार कर अपने लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है।

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पेरिस पैरालंपिक में, शीतल देवी ने कंपाउंड आर्चरी के रैंकिंग राउंड में 703 अंक अर्जित कर नया वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया। इससे पहले यह रिकॉर्ड ब्रिटेन की जेसिका स्टेटन के पास था, जिन्होंने 694 अंक प्राप्त किए थे। हालांकि, तुर्की की ओजनुर गिर्डी क्योर ने 704 अंकों के साथ नया वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित कर दिया।

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इसके बावजूद, शीतल ने मिक्स्ड टीम इवेंट में अपनी प्रतिभा साबित की। उन्होंने राकेश कुमार के साथ मिलकर 1399 अंकों के साथ नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, जो इस इवेंट के लिए सबसे ऊंचा स्कोर है। इस उपलब्धि से भारत की तीरंदाजी टीम ने अपनी स्थिति को और मजबूत किया है और शीतल देवी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं।

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