Unnao rape case update: उन्नाव रेप केस में उम्रकैद की सजा पा रहे पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली जमानत ने पीड़िता के परिवार के दर्द को फिर से ताज़ा कर दिया है। जमानत की खबर मिलते ही पीड़िता की बहन का कहना था कि वे इस फैसले से बिल्कुल खुश नहीं हैं और पूरा परिवार आज भी डर के साये में जी रहा है।
पीड़िता की बहन ने गुस्से और डर से भरे शब्दों में कहा, उसने पहले मेरे बड़े पापा (चाचा) को मारा, फिर मेरे पिता की जान गई और फिर मेरी बहन के साथ इतना बड़ा अपराध हुआ। अब उसे जमानत मिल गई है, लेकिन हम अब भी सुरक्षित नहीं हैं। कौन जानता है कि बाहर आने के बाद वह हमारे साथ क्या कर सकता है। हमें डर है कि वह हमें और हमारे पूरे परिवार को मरवा सकता है।
भाजपा और अदालत एक जैसे क्यो लगने लगे है?
क्या इस देश में महिलाएँ न्याय की उम्मीद छोड़ दें?
— Ritu Choudhary (@RituChoudhryINC) December 24, 2025
उन्होंने भावुक होते हुए एक दर्दनाक सवाल उठाया, अगर उसे बाहर ही रखना है, तो हमें जेल में डाल दीजिए। कम से कम हमारी जान तो सुरक्षित रहेगी। घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं, एक छोटा भाई है। हर दिन यही डर लगा रहता है कि कहीं कुछ अनहोनी न हो जाए। परिवार का आरोप है कि सेंगर से जुड़े लोग अब भी खुलकर धमकियाँ दे रहे हैं। उनका कहना है कि लोग कह रहे हैं, अब वह वापस आ रहा है, तुम हमारा क्या कर लोगे। जमानत के आदेश के बाद उनका डर और भी गहरा हो गया है।
आप ख़ुद देख लीजिए उन्नाव गैंग रेप पीड़िता के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है !!#JusticeForUnnaoVictim pic.twitter.com/CkJVaeuJn3
— Yogita Bhayana योगिता भयाना (@yogitabhayana) December 23, 2025
इंडिया गेट पर विरोध-प्रदर्शन, पुलिस ने हटाया
इसी डर और गुस्से के चलते, पीड़िता, उनकी माँ और कार्यकर्ता योगिता भायना ने दिल्ली के इंडिया गेट के पास विरोध-प्रदर्शन किया। उनका मकसद हाईकोर्ट के उस आदेश का विरोध करना था, जिसमें सेंगर की सज़ा को निलंबित किया गया है। पीड़िता की माँ ने कहा कि बेटी को न्याय दिलाने के सालों लंबे संघर्ष के बाद यह जमानत उनके भरोसे को फिर डगमगा गई है। हालाँकि, यह प्रदर्शन ज़्यादा देर नहीं चल पाया और पुलिस ने सभी को हटा दिया।
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किन शर्तों पर मिली है जमानत
दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंगर को कड़ी शर्तों पर जमानत दी है।
उन्हें 15 लाख रुपये के निजी और 15 लाख के जमानती बॉन्ड देने होंगे।
पीड़िता या उसके परिवार के 5 किलोमीटर के दायरे में नहीं आना होगा।
जमानत की अवधि में दिल्ली में ही रहना होगा।
हर सोमवार को पुलिस को हाज़िरी देनी होगी।
परिवार को किसी भी तरह की धमकी नहीं देनी होगी।
अपना पासपोर्ट अदालत में जमा कराना होगा।
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