लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से जोरों पर है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने सभी मौजूदा विधायकों का एक गुप्त सर्वे कराया है। इस सर्वे का मकसद यह तय करना है कि अगले चुनाव में किसे टिकट दिया जाए और किसे नहीं।
इस सर्वे को पेशेवर एजेंसियों के जरिए कराया गया, जिसमें हर विधायक की लोकप्रियता, उनके विकास कार्य, जातीय समीकरणों पर पकड़ और विपक्ष की स्थिति का विस्तार से आकलन किया गया। अब इस सर्वे का ‘रिपोर्ट कार्ड’ सामने आया है, जिसमें विधायकों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है:
ए-श्रेणी: ये वे विधायक हैं जो जनता में बेहद लोकप्रिय हैं, उनकी पकड़ मजबूत है और उनका प्रदर्शन बेहतर रहा है। ऐसे 40 से 50 विधायक हैं और माना जा रहा है कि उन्हें अगली बार टिकट मिलना लगभग तय है।
बी-श्रेणी: इन विधायकों का प्रदर्शन औसत माना गया है, लेकिन इनमें सुधार की गुंजाइश बताई गई है। ऐसे विधायकों की संख्या 60 से 80 के बीच है।
सी-श्रेणी: इन विधायकों की जनता में पकड़ कमजोर, छवि नकारात्मक और जीत की संभावना कम बताई गई है। ऐसे करीब 100 विधायक हैं और कहा जा रहा है कि इनकी सीट खतरे में पड़ सकती है।
रिश्तों की जगह प्रदर्शन को मिलेगी प्राथमिकता
पार्टी सूत्र बताते हैं कि इस बार टिकट बांटते समय भावनाओं या पुराने रिश्तों की बजाय विधायक के प्रदर्शन और सर्वे रिपोर्ट को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाएगा। सर्वे में यह भी देखा गया है कि किस जाति या समूह में किस पार्टी की पकड़ है और विपक्ष का कौन सा नेता बड़ी चुनौती बन सकता है।
अब शुरू होगा पैनल बनाने का दौर
सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद अब पार्टी का अगला कदम उम्मीदवारों के पैनल तैयार करने का है। इसके लिए हर जिले में जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी और सांसद मिलकर हर विधानसभा सीट के लिए तीन-तीन संभावित उम्मीदवारों की सूची बनाएंगे। इसी तरह क्षेत्रीय अध्यक्ष भी अपना पैनल बनाएंगे।
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ये सभी सूचियां प्रदेश की कोर कमेटी के सामने रखी जाएंगी, जो इन पर चर्चा करेगी। फिर एक अंतिम पैनल पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के पास भेजा जाएगा। वहां राष्ट्रीय स्तर के सर्वे और अन्य पैमानों को ध्यान में रखकर अंतिम उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में सामाजिक, राजनीतिक और जातीय संतुलन का खास ख्याल रखा जाएगा।
साफ है कि BJP 2027 के चुनाव को लेकर बिल्कुल गंभीर है और वह अपनी तैयारियों को बेहद सुनियोजित और वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़ा रही है।
संतोष शुक्ल की रिपोर्ट
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