voter list controversy: देश में इन दिनों वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और कथित वोट चोरी के आरोपों को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाते हुए मतदाता सूची में हेरफेर का आरोप लगाया है। इसी मुद्दे पर सोमवार को विपक्षी सांसदों ने संसद के मकर द्वार से चुनाव आयोग तक मार्च निकालने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक दिया।

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इस दौरान राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कई वरिष्ठ विपक्षी नेताओं को हिरासत में लेकर पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन ले जाया गया। हालांकि कुछ देर बाद सभी को छोड़ दिया गया। पुलिस ने पहले ही चुनाव आयोग तक मार्च की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन विपक्षी सांसदों के आगे बढ़ने पर सुरक्षा बलों ने कार्रवाई की।

दिल्ली पुलिस और पैरा मिलिट्री के जवानों की तैनाती के बीच जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई थी। कई सांसद बैरिकेड पार करने की कोशिश करते दिखे—अखिलेश यादव ने बैरिकेड कूदकर पार किया, जबकि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और सागरिका घोष बैरिकेड पर चढ़ गईं, जिसके बाद दोनों को चक्कर आ गया और वह बेहोश हो गईं। अखिलेश यादव बाद में धरने पर बैठ गए और बोले, पुलिस हमें रोक रही है।

राहुल गांधी ने कहा, सच्चाई देश के सामने है। यह राजनीतिक लड़ाई नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। हम एक साफ और निष्पक्ष मतदाता सूची चाहते हैं। प्रियंका गांधी ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ये लोग डरे हुए हैं, सरकार कायर है।

जयराम रमेश ने जानकारी दी कि केवल 30 नहीं, बल्कि पूरा विपक्ष चुनाव आयोग जाने का इरादा रखता है। लेकिन पुलिस ने प्रतिनिधिमंडल की संख्या सीमित कर दी थी। चुनाव आयोग ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश को पत्र भेजकर दोपहर 12 बजे अधिकतम 30 लोगों से मिलने का समय दिया था, जबकि विपक्ष चाहता था कि सभी सांसद एक साथ जाएं।

बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में इस मुद्दे पर एक अभियान भी शुरू किया है, जिसमें उन्होंने एक वेबसाइट लॉन्च कर नागरिकों से जुड़ने और वोट चोरी के खिलाफ आवाज़ उठाने की अपील की है।

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