धर्मेंद्र कुमार

Power crisis in UP: सच पता होने के बावजूद उसे स्वीकार न करने वाले को ठेठ हिंदी में बेहया कहा जाता है। यह शब्द उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और उनके ऊर्जा मंत्री एके शर्मा पर एकदम सटीक बैठता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और एके शर्मा दोनों को पता है कि पूरे प्रदेश की जनता बिजली कटौती और महकमे के भ्रष्ट अफसरों से परेशान है। बावजूद इसके दोनों जनप्रतिनिधियों की तरफ से यह दावा किया जाना कि प्रदेश में बिजली का कोई संकट नहीं किसी बेशर्मी से कम नहीं है।

एके शर्मा ने न तो जनता संतुष्ट, न ही अधिकारी

मजे की बात यह है कि ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने न तो जनता संतुष्ट है और न ही बिजली महकमे के अधिकारी व कर्मचारी। सूत्रों की माने तो बिजली विभाग के संगठनों से जुड़े लोगों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर एके शर्मा से ऊर्जा विभाग छीनने तक की मांग कर डाली है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में इस समय उपभोक्ताओं को बिजली नाम मात्र की मिल रही है। बस्ती जनपद के कप्तानगंज उपकेंद्र के दुबौला-हरदी फीडर अन्तर्गत आने वाले क्षेत्र के लोग बिजली कटौती से इस कदर परेशान है कि उपभोक्ताओं सरकार से जल्द मुक्ति पाने की बात कर रहे हैं। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारी कर्मचारी किस कदर बेलगाम हो चुकी हैं इसे ऊर्जा मंत्री की तरफ से वायरल किए गये ऑडियो को सुनकर समझा जा सकता है।

ऊर्जा मंत्री की अकर्मण्यता उजागर

ऊर्जा मंत्री की तरफ से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के बस्ती विद्युत वितरण मंडल के अधीक्षण अभियन्ता प्रशान्त सिंह की उपभोक्ता के साथ किए गए अभद्र व्यवहार का ऑडियो वायरल करना उनकी अकर्मण्यता को दर्शाता है। हालांकि ऑडियो वायरल होने के बाद अधीक्षण अभियन्ता प्रशान्त सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि यह कार्रवाई तब हुई जब उपभोक्ता को सामन्य न होकर पूर्व एसडीएम था। सामान्य उपभोक्ताओं के साथ बिजली कर्मचारियों का जो व्यवहार है उसे इस ऑडियो को सुनकर समझा जा सकता है।

इसे भी पढ़ें: पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा समेत तीन आतंकी ढेर

बताते चलें कि यूपी में बिजली संकट को देखते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि प्रदेश में बिजली नहीं बिजली का बिल आ रहा है। सपा अध्यक्ष की का यह कटाक्ष काफी हद तक सच भी है, क्योंकि बकाया बिली वसूली के नाम पर उपभोक्ताओं से जिस तरह वसूली की गई है, ऐसा अब तक किसी की सरकार में नहीं हुआ। खैर इसका जवाब देने के लिए जनता और उपभोक्ता चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है सरकार जनता चुनती है न कि अधिकारी व कर्मचारी।

इसे भी पढ़ें: बेटे की तलाश में दर-दर भटक रहा मजबूर पिता, पुलिस नहीं दर्ज कर रही FIR

Spread the news