mahadev operation: कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों को आतंक के खिलाफ एक बड़ी जीत मिली है। श्रीनगर के महादेव माउंटेन रेंज में सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में तीन खूंखार आतंकियों को मार गिराया गया है। मारे गए आतंकियों में पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान भी शामिल है। सुरक्षा बलों को अभी भी शक है कि एक और आतंकी इलाके में छिपा हो सकता है, जिसके चलते ऑपरेशन अब भी जारी है।
कौन था हाशिम मूसा
हाशिम मूसा पाकिस्तान सेना की स्पेशल फोर्स में पैरा कमांडो रह चुका है। उसके आतंकवाद से जुड़े पुराने रिकॉर्ड में कई गंभीर हमले शामिल हैं। 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम के बैसरन घाटी आतंकी हमले का मास्टरमाइंड भी वही था। इस हमले में कई बेगुनाह नागरिकों की जान गई थी।
इसके अलावा वह अक्टूबर 2024 के गागनगीर, गांदरबल हमले में भी शामिल था, जिसमें 6 बाहरी मजदूरों और एक डॉक्टर की मौत हुई थी। बारामूला के बूटा पथरी हमले में भी उसकी संलिप्तता रही थी, जहां दो भारतीय जवान और दो पोर्टर शहीद हो गए थे।
कैसे चला ऑपरेशन महादेव
पहलगाम हमले के बाद से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी नेटवर्क पर कड़ी नजर रखनी शुरू की थी। इसी दौरान सुराग मिले कि चाइनीज अल्ट्रा रेडियो कम्युनिकेशन एक बार फिर सक्रिय हुआ है, जिसका इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठन एन्क्रिप्टेड संदेश भेजने के लिए करते हैं। जैसे ही यह संकेत मिले, सुरक्षा एजेंसियों ने “ऑपरेशन महादेव” की शुरुआत की।
सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम ने महादेव के लिडवास क्षेत्र को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू किया। जैसे ही टीम संदिग्ध स्थान के करीब पहुंची, आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकवादी ढेर कर दिए गए।
क्या बोले अधिकारी
कश्मीर जोन के आईजीपी विधि कुमार बिरदी ने जानकारी दी कि अब तक तीन आतंकियों के शव बरामद हो चुके हैं। उनकी पहचान की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन अभी भी चल रहा है और आखिरी आतंकी की तलाश जारी है।
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मारे गए आतंकियों से क्या मिला
मुठभेड़ स्थल से अत्याधुनिक हथियार बरामद किए गए हैं। सुरक्षाबलों को संकेत मिले हैं कि आतंकियों के पास हाई-टेक विदेशी हथियार थे, जो सीमा पार से भेजे गए थे।
यह ऑपरेशन क्यों है खास
इस ऑपरेशन से न सिर्फ एक खूंखार आतंकी का अंत हुआ है, बल्कि घाटी में शांति बनाए रखने की दिशा में एक अहम कदम भी साबित हुआ है। साथ ही यह स्पष्ट संदेश भी गया है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां अब आतंक के हर चेहरे को पहचानने और मिटाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
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