Sheikh Hasina: बांग्लादेश (Bangladesh) में इन दिनों मची उथल-पुथल के बीच लम्बे समय से यहाँ की प्रधानमंत्री रह चुकी शेख हसीना (Sheikh Hasina) के जीवन में भूचाल आ गया है। शेख हसीना (Sheikh Hasina) सुरक्षित ठिकाने की तलाश में दुनिया की ओर निहार रही हैं। वहीं बांग्लादेश (Bangladesh) के उपद्रवी वहां के हिन्दुओं के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार कर रहे हैं। गौरतलब है कि शेख हसीना (Sheikh Hasina) का राजनीतिक जीवन बांग्लादेश (Bangladesh) की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वह बांग्लादेश की प्रमुख राजनीतिक नेता रही हैं और उनकी पार्टी, अवामी लीग (Awami League), देश की सबसे पुरानी और प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक है। यहाँ पर उनके राजनीतिक जीवन के कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं:
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
शेख हसीना (Sheikh Hasina) का जन्म 28 सितंबर, 1947 को ढाका में हुआ था। वे बांग्लादेश की स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता, शेख मुजीबुर रहमान की पुत्री हैं। उन्होंने ढाका विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा प्राप्त की और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू किया।
राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत
शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने 1981 में अपनी पार्टी अवामी लीग की अध्यक्षता संभाली। इसके बाद से उन्होंने बांग्लादेश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में अवामी लीग ने कई बार चुनावी जीत हासिल की और उन्होंने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के रूप में कई बार पद संभाला।
प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल
शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री के रूप में पद ग्रहण किया। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने सामाजिक और आर्थिक सुधारों को लागू करने की कोशिश की। उनके नेतृत्व में बांग्लादेश ने कई महत्वपूर्ण विकासात्मक परियोजनाओं को पूरा किया। शेख हसीना ने 2009 से लगातार प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया है। उनकी सरकार ने बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश ने कई क्षेत्रों में प्रगति की, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर।
चुनौतियाँ और विवाद
शेख हसीना (Sheikh Hasina) का राजनीतिक जीवन कई चुनौतियों और विवादों से भरा रहा है। उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार, मानवाधिकार उल्लंघन, और चुनावी धांधली के आरोप लगाए गए हैं। इसके बावजूद, उन्होंने देश के विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
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Sheikh Hasina का व्यक्तिगत जीवन
शेख हसीना (Sheikh Hasina) की शादी 1968 में मवीबुल हक से हुई थी। उनके दो बच्चे हैं, सैफ और सायमा। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और व्यक्तिगत जीवन भी उनके राजनीतिक कॅरियर पर प्रभाव डालते हैं। शेख हसीना का राजनीतिक जीवन बांग्लादेश के आधुनिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। उनके नेतृत्व में देश ने कई सामाजिक और आर्थिक सुधार देखे हैं। उनकी राजनीति का प्रभाव बांग्लादेश की राष्ट्रीय पहचान और विकास पर लंबे समय तक महसूस किया जाएगा। शेख हसीना की राजनीति और उनके द्वारा किए गए काम बांग्लादेश की राजनीतिक और सामाजिक दिशा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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