कुंभनगर, प्रयागराज: मौनी अमावस्या के पवित्र अवसर पर कुंभ पर केंद्रित शास्त्रीय अधिकृत साहित्य से सुसज्जित संस्कृति पर्व के विशेष अंक का लोकार्पण महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) में ही होने जा रहा है। इस अंक की सभी को प्रतीक्षा थी। इस पत्रिका के प्रधान संपादक जान गुण सागर श्री हनुमान जी ही हैं। दंडीस्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में संयोजित यह अंक कुंभ के अधिकृत साहित्य के रूप में उपलब्ध हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि श्री हनुमान जी की असीम कृपा और प्रेरणा से वर्ष 2018 में शुरू हुई संस्कृति पर्व के सनातन आंदोलन की यात्रा के 6 वर्ष पूरे हो चुके। गत प्रयाग कुंभ में ही इसके प्रथम चार अंकों का लोकार्पण श्री गंगामहभा के मंच से सभी पूज्य शंकराचार्यों और जगद्गुरुओं के पावन कर कमलों से संपन्न हुआ था। इस बार प्रयाग पूर्ण कुंभ के अवसर पर संस्कृति पर्व ने एक अतिविशिष्ट अंक की योजना बनाई गई थी जिसमें कुंभ से संबंधित विशिष्ट एवं दुर्लभ सामग्री संयोजित की जा रही है।
इसके लिए अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पूज्य स्वामी रविन्द्र पुरी, श्रीकाशी विद्वत्परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आचार्य गोविंद शर्मा, महामना जी के स्थापित पुष्प श्रीगंगा महासभा के साथ ही देश के ख्यातिलब्ध विद्वानों के सहयोग और परामर्श से सामग्री का चयन किया गया है। जैसा कि सर्वविदित है, पत्रिका के प्रधान संपादक श्री हनुमान जी ही हैं। संपादकीय संरक्षक पद्मश्री आचार्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी हैं। मुख्य संरक्षक शिवप्रताप शुक्ल, राज्यपाल हिमाचल प्रदेश हैं। प्रबंध संपादक प्रख्यात समाजसेवी बीके मिश्र हैं। संपादक आचार्य संजय तिवारी हैं।
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श्री श्री हनुमान जी की कृपा और प्रेरणा से हम सभी संपादकीय परिषद के सदस्य निमित्त मात्र हैं। संस्कृति पर्व की इन 6 वर्षों की यात्रा में सामान्य अंकों के अलावा 33 विशेषांक प्रकाशित हो चुके हैं। संस्कृति पर्व के महामना अंक का लोकार्पण देश के गृहमंत्री अमित शाह ने किया था। अभी अक्टूबर नवंबर के संयुक्तांक का लोकार्पण हिंदी साहित्य परिषद के 47वें अधिवेशन में बुंदेलखंड विश्व विद्यालय में किया गया, जिसमें अनेक विद्वानों के साथ ही उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री की विशेष उपस्थिति रही। गत 22 जनवरी को संस्कृति पर्व ने चक्रस्थ अयोध्या के नाम से एक बहुत महत्वपूर्ण अंक का प्रकाशन किया था जिसको अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रसारित किया गया।
कुंभ पर केंद्रित यह 34वाँ विशेषांक है जो शीघ्र प्रकाशित होने जा रहा है। इस अंक का मूल्य 200 रुपए है। इसकी सवा लाख प्रतियां कुंभ के लिए ही प्रकाशित करने की योजना बनाई गई है। सनातन प्रेमियों और अन्वेषकों के लिए यह अंक बहुत ही महत्वपूर्ण होने जा रहा है। कुंभ में यह विशेष अंक श्रीगंगामहसभा के शिविर में उपलब्ध होगा। विक्रय के लिए यह अंक यूनिवर्सल बुक, हजरत गंज, लखनऊ में उपलब्ध होगा।
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