Yogi Adityanath: जिस प्रकार प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने देश का कायाकल्प किया है और भारत को एक कमजोर एवं डरपोक देश से बदलकर शक्तिशाली देश बना दिया है। उसी प्रकार योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को एक अतिपिछड़ा हुआ एवं कमजोर उत्तर प्रदेश से परिवर्तित कर बहुत तेज गति से विकसित हो रहा शक्तिशाली प्रदेश का रूप दे दिया है। जैसे मोदी के कारण आज विश्वपटल पर भारत का डंका बजने लगा है, बिलकुल उसी प्रकार देशभर में योगी आदित्यनाथ की धूम है। सच तो यह है कि योगी की धूम भारत से बाहर भी फैल रही है।
मोदी के नेतृत्व में भारत ने विगत दशक में बड़ी ऊंची छलांग लगाई है। देश में विकास के इतने अधिक काम हुए हैं कि उनकी गिनती करना मुश्किल हो गया है। बिलकुल वैसी ही स्थिति उत्तर प्रदेश की है। योगी के नेतृत्व में प्रदेश में विकास के इतने अधिक काम हुए हैं कि अब उन्हें गिनाना दुष्कर हो रहा है। योगी के कमंडल से निकलकर विकास की गंगा प्रदेश में नए-नए रूपों में प्रवाहित हो रही है। आज हमारे यहां विपक्ष हतप्रभ है और समझ नहीं पा रहा है कि सरकार की क्या आलोचना करे। मोदी और योगी, दोनों शतप्रतिशत ईमानदार हैं, इसलिए उन पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप लगाया नहीं जा सकता है। विपक्ष शुरू से बड़ी-बड़ी दूरबीनें व खुर्दबीनें लगाए बैठा है, लेकिन वह योगी एवं मोदी के विरुद्ध भ्रष्टाचार का कोई छोटे से छोटा मामला भी अब तक नहीं ढूंढ़ पाया है।
अब तक की सरकारें भ्रष्टाचार व घोटालों में डूबी रहा करती थीं और उनके मुखिया लूट-लूटकर अपनी तिजोरियां भरा करते थे। विदेशों में जाने कहां-कहां गुप्त रूप से अपना काला धन छिपाया करते थे। पर अब देश व प्रदेश का नेतृत्व काफी पवित्र है। इसलिए विपक्ष ने गढ़ गढ़कर झूठे आरोप लगाने का एवं जातिवाद की आड़ लेने का फार्मूला अपना लिया है। देश को लूटने में नेहरू वंश अग्रणी रहा है। उसका एकसूत्री कार्यक्रम भ्रष्टाचार में डुबकी लगाना रहता था। जब विपक्ष मोदी सरकार के विरुद्ध भ्रष्टाचार का एक भी मामला नहीं ढूंढ़ सका तो वह गढ़-गढ़कर मिथ्या आरोप लगाने लगा। राहुल गांधी ने मोदी को चोर कहना शुरू कर दिया और सार्वजनिक सभाओं में ‘मोदी चोर है’ का नारा लगवाने लगे। सोनिया गांधी ने मोदी को गाली देने की जो परम्परा शुरू की थी, राहुल गांधी पूरे जोरशोर से उसे आगे बढ़ाने लगे।
सोनिया गांधी, राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी की गालियों का प्रधानमंत्री मोदी जवाब नहीं देते थे और चुप रहते थे। लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘जैसे को तैसा’ की नीति पर चलते हैं और जो जिस भाषा में समझे, से उसी भाषा में जवाब देना जानते हैं। पिछले कुछ समय में उन्होंने विपक्ष की करतूतों पर जिस तरह हमला बोला है और उसी के तीर से उस पर निशाना साधा है, उसकी जनता में वाहवाही हो रही है। योगी ने नया बयान दिया है-‘कांग्रेस से पूछिए, कहां है उनका खटाखट-खटाखट?’ नेहरू के नेतृत्ववाली कांग्रेस का एकमात्र योगदान यह था कि उसने पहले देश का बंटवारा किया और फिर लूट-लूटकर देश को खोखला बनाया। उसने अपनी नीतियों से जिस प्रकार देश को कमजोर किया, वही काम उत्तर प्रदेश में सपा सरकार ने किया। परिणाम यह हुआ कि हमारा प्रदेश पिछड़ता चला गया। आम धारणा यह बनी हुई थी कि सपा सरकार की जो भी योजनाएं बनती हैं, वह यह देखकर बनाई जाती हैं कि उसमें भ्रष्टाचार की कितनी गुंजाइश होगी।
चूंकि मुख्यमंत्री योगी की छवि पूरी तरह शुद्ध है, इसलिए अब प्रदेश का सारा धन विकास के कार्यों में लग रहा है। जिस उत्तर प्रदेश में चलने के लिए ठीक सड़कों का अभाव रहा करता था, वहां चौड़ी-चौड़ी सड़कों का जाल बिछ रहा है। जहां लोगों को हर आवश्यक वस्तु के लिए रात से ही लाइन लगानी पड़ जाती थी, वहां अब उक्त लाइनें खत्म हो गई हैं और भ्रष्ट तत्व अपना माथा पीट रहे हैं। चमत्कारिक विकास का ही नतीजा है कि जिस प्रकार राहुल गांधी अपनी ऊटपटांग बातों के लिए मशहूर हैं, उसी प्रकार अखिलेश यादव भी नित्य ऊटपटांग बयान जारी करने लगे हैं। उनकी राहुल गांधी के साथ जुगलबंदी उन्हें भी हंसी का पात्र बना रही है। राहुल गांधी और अखिलेश यादव मिलकर जातिवाद का नारा भी जमकर उछाल रहे हैं। वह इस नारे के माध्यम से हिन्दुओं को विभिन्न जातिवादी खेमों में बांटकर और उन खेमों को आपस में लड़ाकर अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं।
योगी आदित्यनाथ की शक्ति का सबसे बड़ा तुरुप का पत्ता यह है कि वह ‘हिंदू हृदयसम्राट’ माने जाने लगे हैं। उत्तर प्रदेश ही नहीं, पूरे देश का हिंदू योगी आदित्यनाथ को ‘हिंदू हृदयसम्राट’ मानने लगा है। कांग्रेस एवं अन्य हिन्दूविरोधियों ने अपनी घोर मुसलिमपरस्त नीति के कारण विगत समय में हिंदुओं की इतनी अधिक उपेक्षा और तिरस्कार किया कि वे देश में दूसरे दर्जे के नागरिक बनकर रह गए थे। ‘हिंदू’ शब्द साम्प्रदायिकता माना जाने लगा था तथा लोग अपने को हिंदू कहने में संकोच करने लगे थे। उस हिंदूविरोधी वातावरण में मोदी ने हिंदुत्व की जो गंगोत्री प्रवाहित की, वह योगी आदित्यनाथ की बदौलत आज महासागर का रूप ले रही है। हमारे देश का हिंदू अब खुलकर सांस लेने लगा है और अपने को हिंदू कहने में गर्व महसूस करता है।
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नेहरू वंश एवं अन्य हिंदू विरोधियों के तमाम षड्यंत्रों से ऐसा लगने लगा था कि अब भारत में भारतीय संस्कृति एवं हिंदूधर्म का लोप हो जाएगा। कश्मीर से हिंदू भगाए गए तो उन्होंने देश के अन्य हिस्सों में शरण ली, लेकिन यह सवाल उठने लगा था कि जब पूरे देश से हिंदू भगाए जाएंगे तो उन्हें भारत से बाहर कोई शरण देने वाला नहीं होगा। किन्तु अब स्थिति बदल गई है। ‘हिंदुत्व’ योगी आदित्यनाथ की ऐसी शक्ति बन गया है, जो उन्हें अपार ऊर्जा से युक्त कर रहा है। उत्तर प्रदेश योगी को पाकर अपने को धन्य महसूस कर रहा है। कभी उत्तर प्रदेश देश के सबसे पिछड़े राज्यों में शुमार होता था, किन्तु योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हमारा प्रदेश देश का सर्वाधिक विकसित एवं शीर्षस्थ राज्य बनने की दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। इससे देश का सांस्कृतिक गौरव बने हुए उत्तर प्रदेश को बांटने की मांग करने वालों के मुंह पर भी तमाचा पड़ा है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
(यह लेखक के निजी विचार हैं।)
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