Wrestlers Protest: नेता सबसे बड़ा अवसरवादी होता है। राजनीति भुनाने के लिए वह हमेश अवसर की ताक में रहता है। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) और महिला पहलवानों के बीच जारी विवाद में ऐसा ही कुछ नजारा देखा जा रहा है। मामले में विपक्ष के नेता गोंडा जनपद के कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि कोई आरोप साबित कर दें तो वह फांसी लगा लेंगे। मामला यूपी का हो और ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) का नाम न आए ऐसा कहां हो सकता है। अब इस मामले में सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) की एंट्री हो चुकी है। उन्होंने ने बीजेपी से कैसरगंज से सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) पर जमकर हमला बोला।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुकदमा दर्ज होने के बावजूद बीजेपी अपने सांसद का बचाव कर रही है। इतना ही नहीं बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी न करने पर उन्होंने दिल्ली पुलिस को भी आड़े हाथों लिया। ओमप्रकाश राजभर ने आरोप लगाया कि केंद्र शासित प्रदेश होने के चलते कहीं न कहीं से सरकार का इशारा दिल्ली पुलिस को मिला हुआ है। इसी वजह से बृजभूषण शरण सिंह पर कार्रवाई करने से दिल्ली पुलिस बच रही है। बीजेपी की एक सीट कम न हो जाए इस लिए पार्टी आरोपी सांसद का बचाव कर रही है।
दिल्ली पुलिस को दी चुनौती
सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों का समर्थन करते हुए एकजुटता दिखाई। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को संविधान के तहत इंसाफ मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बृजभूषण शरण सिंह पर मुकदमा दर्ज हुआ है। दिल्ली पुलिस को आरोपी बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी कर जांच करनी चाहिए। बता दें कि ओमप्रकाश राजभर भारतीय सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) प्रत्याशी के पक्ष में जनसभा को संबोधित करने बस्ती पहुंचे थे। पत्रकारों से वार्ता के दौरान उन्होंने मुसलमानों को बरेली उलेमाओं की तरफ से जारी फतवे पर भी प्रतिक्रिया दी।
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अखिलेश यादव पर बोला हमला
ओमप्रकाश राजभर ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुसलमानों ने प्रदेश में चार बार समाजवादी पार्टी सरकार बनवाई। इसके बावजूद भी अखिलेश यादव ने अपनी बिरादरी के चक्कर में पड़कर मुसलमानों को अकेला छोड़ दिया। आलम यह है कि 20 प्रतिशत आबादी वाला 8 प्रतिशत वाले को वोट देता है। सपा की जीत में एक नंबर की भूमिका होने पर भी हिस्सेदारी न के बराबर है। उन्होंने कहा कि सपा अध्यक्ष मुसलमानों को कब्रिस्तान की बाउंड्री बनवाने का आश्वासन के सिवाय और कुछ नहीं देते। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण का मतदान 11 मई को होगा।
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