newschuski special: क्या आपने कभी ट्रेन से सफर करते हुए गौर किया है कि स्टेशनों के बोर्ड पर लिखे शहरों के नाम कितने अनोखे होते हैं? कोई ‘पुर’ पर खत्म होता है तो कोई ‘बाद’ पर। जैसे कानपुर और गाजियाबाद। कभी सोचा है इन जोड़े गए शब्दों का क्या मतलब होता है? आज हम आपको इसी दिलचस्प सवाल का जवाब देते हैं।
‘पुर’ का मतलब, राजाओं की विरासत
जयपुर, उदयपुर, नागपुर… ऐसे कितने ही शहर हैं जिनके नाम के आखिर में ‘पुर’ लगा है। दरअसल, ‘पुर’ का मतलब होता है ‘शहर’ या ‘किला’। यह शब्द संस्कृत भाषा से आया है और बहुत प्राचीन समय से इस्तेमाल हो रहा है।
पुराने जमाने के राजा-महाराजा अपने नाम के आगे ‘पुर’ जोड़कर शहरों का नाम रखते थे। इसके पीछे एक मकसद यह था कि इतिहास में उनका नाम हमेशा याद रहे। जैसे राजा जयसिंह के नाम पर जयपुर बसा और उनका नाम आज भी जिंदा है।
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‘बाद’ का राज, फारसी की देन
अब बात करते हैं ‘बाद’ वाले शहरों की। गाजियाबाद, अहमदाबाद, फिरोजाबाद जैसे नामों में ‘बाद’ दरअसल ‘आबाद’ शब्द का छोटा रूप है। ‘आबाद’ एक फारसी शब्द है, जहां ‘आब’ का मतलब ‘पानी’ होता है और ‘आबाद’ का मतलब है ‘बसा हुआ’ या ‘वह जगह जहाँ पानी हो और लोग रह सकें’।
यहाँ भरी राजाओं का ही चलन था। वे अपने नाम के साथ ‘आबाद’ जोड़कर शहर का नाम रखते थे। मसलन, सुल्तान अहमद शाह ने 1411 में अपने नाम पर अहमदाबाद बसाया। ठीक इसी तरह फिरोज शाह के नाम पर फिरोजाबाद पड़ा।
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