Vastu: किसी भी घर या ऑफिस में घड़ी एक जरूरी यंत्र है। ये हमें कुदरत की सब से खूबसूरत सौगात यानी समय की जानकारी देती है। इसलिए अक्सर घरों आदि जगहों पर छोटी-बड़ी दीवार पर घड़ी जरूर टंगी रहती है। भारतीय शास्त्रों में जाने-माने वास्तु शास्त्र और चीनी वास्तु शास्त्र कहलाने वाले फेंग शुई विज्ञान के अनुसार, हमारे घर में लगी घड़ियां बहुत कुछ कहती हैं। जिन घड़ियों को हम घर या ऑफिस में इस्तेमाल करते हैं, उनका हमारे जीवन से एक खास संबंध होता है।
ये घड़ियां हमारे जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण साधन कहलाती है। घड़ी व्यक्ति के समय को संवार भी सकती है और बिगाड़ भी। इसलिए अगर व्यक्ति घड़ी का इस्तेमाल करते समय वास्तु के कुछ सरल नियमों को ध्यान में रखें तो वह अपने बुरे समय को अच्छे में बदल सकता है। जानिए, घड़ी से संबंधित कुछ बातें:
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-दक्षिण दिशा यम का रास्ता मानी जाती है। दूसरे शब्दों में कहों तो मृत्यु की दिशा। वास्तु के अनुसार घर के दक्षिण दिशा में कभी घड़ी नहीं लगानी चाहिए। इस दिशा में लगाई गई घड़ी परिजनों की आयु और सौभाग्य के लिए अशुभ मानी जाती है।
-पुरानी और धुंधले शीशे वाली घड़ियां भी घर के सदस्यों पर अच्छा प्रभाव नहीं डालती। ये परिवार की सफलता में बाधक मानी जाती है और इससे परिश्तम का फल उचित नहीं मिलता।
-दरवाजे पर घड़ी लगाने से घर में खुशियों के क्षण प्रवेश नहीं करते और परिवार का माहौल खराब बना रहता है।
-समय से पीछे या आगे चलने वाली घड़ियां नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती हैं। इसलिए घड़ी को हमेशा टाइम के साथ मिलाकर रखना चाहिए।
-कार्यस्थल पर बंद घड़ी कभी न रखें। क्योंकि वास्तव में बंद घड़ी ठहराव और पतन का सूचक मानी जाती है।
-घड़ी पर कभी धूल न जमने दें। उन्हें निरंतर साफ करते रहें।
-अगर आप घर या ऑफिस में लाभ पाना चाहते हैं तो अपने घर में पैंडलुम वाली घड़ी लगाएं।
-वास्तु के अनुसार घड़ियों का आकार गोल, चौकोर, अंडाकार, आठ या छह भुजाओं का ही होना चाहिए
पं. वेद प्रकाश तिवारी
ज्योतिष एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ
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