Varanasi News: गंगा के सुरम्य तट पर गौ, गंगा गौरीशंकर के सानिध्य में बसा गड़ौली धाम (Gadoli Dham) 5 नवम्बर को मंत्रों, सूरों एवं दीपों के संगम का साक्षी बनेगा। देव दीपावली (Dev Deepawali) के पूर्व गड़ौली धाम (Gadoli Dham) में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय दीपोत्सव कार्यक्रम में देव दीपावली (Dev Deepawali) जैसा नजारा श्रद्धालुओ को देखने को मिलेगा। उक्त बातें ओएस बालकुंदन फाउंडेशन (OS Balkundan Foundation) के संस्थापक सुनील ओझा ने बताई।
श्री ओझा ने बताया कि हिंदू सनातन परम्परा के अनुसार प्रबोधिनी एकादशी यानी देव उठनी एकादशी को भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा से जागते है और भगवान जिस दिन जागते है उस दिन से सभी शुभ (मांगलिक) कार्य शुरू होते है। उन्हों कहा कि इसी दिन तुलसी और शालीग्राम का विवाह किया जाता है और इसके पश्चात ही मानव विवाह (मांगलिक कार्य) की शुरुआत होती है।
श्री ओझा ने बताया कि इस वर्ष 5 नवम्बर को ओएस बालकुंदन फाउंडेशन (OS Balkundan Foundation) की तरफ से पहली बार गड़ौली धाम में तुलसी और शालीग्राम विवाह का आयोजन होने जा रहा है और ये विवाह मानव विवाह की तरह पुरे रीति रिवाज के साथ धुमधाम से होगा। कहा कि हनुमान मंदिर से गड़ौली धाम के लिए बैंड, बाज़ा के साथ शालिग्राम की बारात निकलेगी, बारात का स्वागत होगा और काशी के विद्वानों के मंत्रोच्चार के बीच विवाह की पूरी विधि सम्पन्न होगी।
उनहेंने कहा कि इस दिन भजन संध्या का भी आयोजन किया गया है जिसमें ख्यातिलब्ध कलाकर अपनी भक्तिमय प्रस्तुतियां देंगे और इसके साथ ही थीम आधारित अन्तर्राष्ट्रीय दीपोत्सव का आयोजन किया गया है जिसमें पांच लाख दिये पुरे गडौली धाम को अपने प्रकाश से रोशन करेंगे।
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सुनील ओझा ने बताया कि इस आयोजन को लेकर स्थानीय लोगों में काफी उत्साह है। हर कोई इस आयोजन में सहयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह दिवस आनंद की अनुभूति, आध्यात्मिक सुख एवं शिव और शक्ति के मिलन की शाम है, जिसे विश्व के कोने कोने में बसे लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है इस आयोजन को 45 से अधिक देशों में लाइव टेलिकास्ट किया जाएगा।
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