गोरखपुर: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले नेता अपनी सीट सुरक्षित करने में जुट गए है। ऐसे में दल बदलने की जुगत में अधिकतर नेता लगे हुए हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद चर्चा में आए हरिशंकर तिवारी के छोटे बेटे व चिल्लूपार विधानसभा सीट से विधायक विनय तिवारी को बसपा ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। बसपा ने विधायक विनय तिवारी के साथ ही उनके बड़े भाई संत कबीर नगर से पूर्व सांसद कुशल तिवारी और उनके रिश्तेदार पूर्व विधान परिषद अध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय को पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से बर्खास्त कर दिया है।
गौरतलब है कि गोरखपुर जनपद के टाड़ा गांव के रहने वाले पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी की पूर्वांचल के ब्राह्मणों में अच्छी पैठ है। ब्राह्मण चेहरों में हरिशंकर तिवारी को सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है। हरिशंकर तिवारी के बड़े बेटे भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी ने वर्ष 2007 के उप चुनाव में बसपा के टिकट से जीत हासिल की थी। इसके बाद वर्ष 2009 के आम चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की, लेकिन 2014 में उन्हें मोदी लहर के चलते हार का सामना करना पड़ा। बसपा ने चुनाव से पहले उन्हें इस बार लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया था।
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गत दिनों हरिशंकर तिवारी के छोटे बेटे विनय तिवारी की अखिलेश यादव से हुई मुलाकात के बाद यह कयासबाजी शुरू हो गई थी कि वह जल्द सपा में शामिल होने वाले है। कहा जा रहा था कि उनके साथ दो और बड़े ब्राह्मण चेहरे सपा में शामिल हो सकते हैं। इन चर्चाओं के बीस बसपा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए विधायक विनय तिवारी, कुशल तिवारी व गणेश पांडेय को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। चर्चा है कि ये नेता 12 दिसंबर को अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा में शामिल हो सकते हैं।
बता दें कि हरिशंकर तिवारी के कुनबे के सपा में शामिल होने से पार्टी यहां और भी मजबूत हो रही है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो सपा चिल्लूपार विधानसभा सीट से विनय तिवारी को उम्मीदवार बना सकती है। ऐसे में एकबार फिर इस सीट से विनय तिवारी जीत हासिल कर सकते हैं।
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