सुमित मेहता
UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi government) ने अपराधियों के खिलाफ हल्ला बोल रखा है। प्रदेश में लगातार बड़े से बड़े अपराधियों के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई कर रहा है। यही वजह है कि प्रदेश की आम जनता सरकार के इस काम से काफी खुश है। लेकिन इस बीच एक ऐसी रिपोर्ट भी सामने आ रही है, जो हैरान कर देने वाली है। क्योंकि प्रदेश में मौजूद 403 विधायकों में से 205 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं और इनमें से 158 के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, दुष्कर्म, अपहरण जैसे गंभीर आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।
विधायकों पर दर्ज मामलों का खुलासा चुनावी सुधारों के लिए काम करने वाली निजी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने 2022 में हुए यूपी विधानसभा चुनावों में जीतने वाले उम्मीदवारों के हलफनामों के आधार पर ये खास रिपोर्ट तैयार की है। एडीआर में बताया गया है कि पांच विधायकों के खिलाफ हत्या के मामले दर्ज थे। इनमें से तीन सपा में और दो बीजेपी में थे। वहीं छह विधायकों के खिलाफ महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज थे, जिनमें से एक के खिलाफ तो दुष्कर्म करने का मामला दर्ज था और यह विधायक बीजेपी में है। बीजेपी के ऐसे विधायकों की संख्या सबसे ज्यादा है, जिन पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। बीजेपी के 90, समाजवादी पार्टी के 48, कांग्रेस में दो और बसपा में एक विधायक पर आपराधिक मामला दर्ज है।
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ADR की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि कई विधायक तो ऐसे हैं, जिन पर एक या दो नहीं बल्कि दर्जनों मामले दर्ज हैं। एक विधायक पर तो 87 मुक़दमे दर्ज हैं। इस रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि सरकार अपराधियों के खिलाफ भले ही कार्रवाई कर रही हो, लेकिन प्रदेश में राजनीति और अपराध का गहरा रिश्ता है। प्रदेश में लंबे समय तक राजनीतिक दलों ने माफियाओं के दम पर ही राजनीति की है। उसका सबसे बड़ा उदाहरण अतीक अहमद है, जिसकी 15 अप्रैल की रात पुलिस हिरासत में हत्या कर दी गई। गैंगस्टर होने के बाद भी अतीक पांच बार उत्तर प्रदेश विधानसभा का और एक बार लोकसभा का भी सदस्य रहा।
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