UP News: प्रदेश में पड़ रही भयानक गर्मी से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बिजली कटौती के चलते जनता बेहाल है। हालांकि सरकार की तरफ से बिजली कटौती रोकने और उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली दिए जाने का भरोसा दिया जा रहा है। बावजूद इसके ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े स्तर पर बिजली कटौती जारी है। सरकारी आंकड़े और हकीकत के बीच अक्सर आम जनता ही पिसती है। योगी सरकार (Yogi Government) के आंकड़े और बिजली की उपलब्धता में काफी अंतर देखने को मिल रहा है। वहीं योगी सरकार (Yogi Government) प्रदेश में बढ़ी मांग के अनुरूप प्रदेशवासियों को बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है। प्रदेश में विद्युत मांग पिछले सभी रिकार्ड तोड़कर 27 हजार से ज्यादा पहुंच गई हैं। 10 जून को पहली बार विद्युत मांग 26672 मेगावाट के सापेक्ष आपूर्ति सुनिश्चित की गयी थी। फिर 13 जून को 27611 मेगावाट मांग के सापेक्ष विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करके पावर कारपोरेशन ने विद्युत आपूर्ति का नया रिकार्ड बनाया है। प्रदेश के इतिहास में इतनी आपूर्ति कभी नहीं की गई है।
सिस्टम को किया जा रहा अपग्रेड
प्रदेश में भयंकर गर्मी पड़ रही है। पारा 45-46 के आस पास पहुंच रहा है। ऐसी स्थिति में विद्युत की मांग में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है। मानसून का प्रभाव प्रदेश में आने तक लगभग एक सप्ताह का समय है। ऐसी स्थिति में यह मांग 28000 मेगावाट से ज्यादा तक पहुंच सकती है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) मांग के अनुरूप उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है। कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने कहा है कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) लगातार अपने सिस्टम को अपग्रेड करने की कोशिश कर रहा है। भारत सरकार की आरडीएसएस योजना (RDSS Scheme) प्रारम्भ हो चुकी है। इस योजना का मुख्य उदेश्य प्रदेश के डिस्कामों को गुणवत्ता पूर्ण निर्बाध विद्युत आपूर्ति किया जाना एवं लाइन हानियां कम करना है। इसमें 35384 करोड़ रुपए प्रदेश की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था के आधुनिकीकरण एवं बेहतरी के लिए खर्च किए जाएंगे।
तीन लाख से ज्यादा क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर बदले गए
आरडीएसएस योजना के अन्तर्गत विद्युत व्यवस्था सुधार के कार्य प्रारंभ हो गए हैं। अभी तक 1137 किमी एबी केबिल डाली जा चुकी है। 223.93 किमी एलटी लाइनों को भूमिगत किया जा चुका है। उपभोक्ताओं के परिसर पर 30 किमी. आर्मर्ड सर्विस केबिल लगाए जाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों को निश्चित समयावधि में बदलने का कार्य सुनिश्चित हो रहा है। 1 अप्रैल 2022 से आज तक तीन लाख से ज्यादा (315283) क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों को बदला गया है। साथ ही अति भारित परिवर्तकों की क्षमता वृद्धि भी की जा रही है। बिजनेस प्लान के तहत 7092 परिवर्तकों की क्षमता वृद्धि की जा चुकी है। प्रदेश के सभी क्षेत्रों को निश्चित शिडयूल के अनुरूप विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
इसे भी पढ़ें: स्मृति ईरानी ने 354 युवाओं को दिए जॉइनिंग-लेटर
जिला, मडंल और उद्योगों को मिली 24 घंटे बिजली
भीषण गर्मी के चलते मंगलवार को ही यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज ने 22 जून तक प्लांड शटडाउन पर रोक लगाई थी और इसका असर भी मंगलवार को दिखना शुरू हो गया। स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों को निश्चित शिडयूल से भी ज्यादा 18 घण्टे 5 मिनट, पंचायतों को 21.30, तहसील 21.30, बुन्देलखण्ड 20, जिला, मण्डल, महानगर तथा उद्योगों को 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। पूरे प्रदेश में कहीं भी इमरजेन्सी रोस्टरिंग नहीं की गई। वहीं, स्थानीय दोषों को भी कम से कम समय में ठीक करने के निर्देश दिए गए है। इसके लिए प्रदेश में पूर्व में ही तैयारी कर ली गई थी।
इसे भी पढ़ें: त्वरित व संतुष्टिपरक हो लोगों की समस्याओं का समाधान