Unnao: उन्नाव एसवीएम इण्टर कॉलेज सन्त पूरनदास नगर, के आस्था सभागार में लेखक एवं पत्रकार नरेन्द्र भदौरिया द्वारा लिखित 15वीं पुस्तक ‘अज्ञेय’ का विमोचन करते हुये मुख्य अतिथि श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के महासचिव चम्पत राय ने कहा कि प्राचीन साहित्य में शब्द को ब्रह्म कहा गया है। ब्रह्म परमात्मा का ही दूसरा नाम है। जिसे ऋषियों ने नेति नेति कहकर पुकारा है। शब्द की महिमा व्यापक है। शब्द मनुष्य की अंतरात्मा का ही एक व्यक्त रूप है। लेखक के अन्तः करण से निकले शब्द जब-जब विचार का रूप लेते हैं तब तब साहित्य का निर्माण होता है।
भदौरिया जी के साहित्यिक लेख उनके श्रेष्ठ चिन्तन एवं उत्कृष्ट विचारों का अनुपम प्रकाशन हैं जो मानव कल्याण की दृष्टिगत लिखे गये हैं। उनके श्रेष्ठ विचार सार्वभौमिक एवं सार्वकालिक है। चंपतराय ने बताया कि भगवान श्रीराम का भव्य मन्दिर भारत की आध्यात्मिक एवं राष्ट्रीय, चेतना का प्रतिविम्ब है। भगवान श्रीराम के विराट नव मन्दिर में रामलला के साथ समस्त देवी-देवताओं, ऋषियों मुनियो की भी सुन्दर मूर्तियाँ स्थापित की जायेगी, जो मन्दिर की महिमा और गरिमा की द्योतक होंगी।
इसी कार्यक्रम में पधारे विशिष्ट अतिथि आशीष गौतम (अध्यक्ष, दिव्य प्रेम प्रेम सेवा मिशन) ने कहा कि अज्ञेय पुस्तक के लेखक नरेन्द्र भदौरिया आर्य मनीषा के शोधी है। ज्ञान के प्रति जिज्ञासु हैं। उनके लेखों में स्वामी विवेकानन्द व भगवान श्रीकृष्ण के कर्मवाद की स्पष्ट झलक मिलती है। भारत के ऋषियों-सुनियों के गम्भीर चिन्तन व विचार सुन्दर ढंग से पिरोये गये हैं। ऐतिहासिक लेख एवं संस्मरण भारत के सांस्कृतिक गौरव व धार्मिक चेतना’ को जागृत करने में समर्थ हैं।
इसी अवसर पर पधारे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त प्रचार कौशल ने अपने विचार व्यक्त करते कहा कि भदौरिया जी अपनी माँ, माटी और मातृभूमि के प्रति अटल अनुराग रखने वाले चिन्तक है। वे श्रीरामजन्मभूमि आन्दोलन के सक्रिय सदस्य व प्रेरक रहे हैं। उनका जीवन एक तपस्वी का जीवन है। राष्ट्र भक्ति उनके अन्तःकरण में कूट-कूट कर भरी है। इसीलिए उनके लेखों में राष्ट्रीय चेलना व राष्ट्र निर्माण भाव परिलक्षित होते है।
उनके विचारों में गहन अनुभव व अनुभूति है। जो सबके मन को बरबस… पढ़ने के लिए आकृष्ट करते हैं। इस विशिष्ट कार्यक्रम में डॉ. महेन्द्र सिंह पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा भारत सनातन काल से अजर-अमर राष्ट्र है। इसका अस्तित्व अखण्ड है। हिमालय से लेकर हिन्द महासागर तक इसकी सत्ता अक्षुण्य है। भदौरिया जी के आदर्श लेख भारतीय गौरव के मानों गान है। सारस्वत धर्म के पुजारी होने के कारण उनके द्वारा लिखित समस्त पुस्तकें राष्ट्र भक्ति से ओत प्रोत हैं।
उनके द्वारा लिखित पुस्तक ‘अज्ञेय’ के लेख भी राष्ट्रीय भावना प्रेरित करने में समर्थ हैं। ‘अज्ञेय’ पुस्तक विमोचन के अवसर पर पधारे अतिथियों का परिचय ‘अज्ञेय’ पुस्तक के लेखक नरेन्द्र भदौरिया ने कराया। तथा स्वागत श्रीकान्त वर्मा विधायक बागरमऊ, पुरवा विधायक अनिल सिंह तथा शिक्षक नेता वेणु रंजन भदौरिया मे प्रतीक चिन्ह व अंगवस्त्र भेंट कर किया।
कार्यक्रम में स्वामी भास्कर रूपरूप सर्वोदय आश्रम राय बरेली, पूज्य जगतगुरु ओम प्रपनाचार्य, वीरेन्द्र सिंह, बृजेश रावत (विधायक मोहन) जगवीर सिंह बागरमऊ, प्राचार्य, आशीष सिंह (जिला कार्यवाह), डॉ. बुद्धि शर्मा बाजपेई, रजनेश कुमार, मुन्ना सिंह अवधूत, हरिओम सिंह, बृज राज भदौरिया, सुरेश पाण्डेय, सुरेन्द्र प्रताप सिंह, नूतन सिंह के साथ ही सैकड़ों की संख्या मे गणमान्य जन पधारे कार्यक्रम के अन्त में शिवांक रमन ने कार्यक्रम में आये हुए अतिथियों व गणमान्य जनों व नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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