नई दिल्ली: जिसके साथ मुस्लिम खड़े हैं उनकी सरकार बननी तय है, विपक्षी दल इस भ्रम से उबर नहीं पा रही है। यही वजह है कि बीजेपी जहां हिंदुत्व की बात करती है, वहीं विपक्षी दल मुस्लिम तुष्टीकरण से आगे बढ़ ही नहीं पा रहे हैं। विपक्षी दलों की निगाहे आज भी मुस्लिम वोटरों पर टिकी है। जबकि बीजेपी हिंदुत्व की बदौलत दो बार केंद्र में सरकार बनाने में सफल रही है। अब जब लोकसभा चुनाव 2024 करीब है तो नेताओं की गंदी मानसिकता फिर सामने आने लगी है। बिहार में जहां हिंदू त्योहारों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं, वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के मंत्री बेटे उदयनिधि ने सनातन को मिटाने की बात कहकर बवाल खड़ा कर दिया है।
सनातन धर्म पर उदयनिधि के दिए गए बयान का बीजेपी ने कड़ा विरोध किया। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने उदयनिधि के बयान का विरोध करते हुए गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा है कि उदय स्टालिन 80 फीसदी आबादी की नरसंहार की बात कर रहे हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे उदय स्टालिन ने अपने एक बयान में ‘सनातन’ को मिटाने की बात कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि ‘सनातन सोशल जस्टिस और बराबरी के खिलाफ है।’ बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने उदय स्टालिन के इस बयान का एक वीडियो क्लिप शेयर कर कहा कि वह सनातन धर्म की मलेरिया और डेंगू से तुलना कर रहे हैं।
Udhayanidhi Stalin, son of Tamilnadu CM MK Stalin, and a minister in the DMK Govt, has linked Sanatana Dharma to malaria and dengue… He is of the opinion that it must be eradicated and not merely opposed. In short, he is calling for genocide of 80% population of Bharat, who… pic.twitter.com/4G8TmdheFo
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) September 2, 2023
उन्होंने कहा कि उदय स्टालिन का मानना है कि सनातन का विरोध ही नहीं बल्कि इसे मिटा देना चाहिए। मालवीय ने कहा कि स्टालिन की बात को साफ शब्दों में कहें तो वह 80 फीसदी आबादी के नरसंहार करने को कह रहे हैं, जो सनातन के मानने वाले हैं। बता दें कि विपक्षी गठबंधन इंडिया की डीएमके एक प्रमुख पार्टी है और कांग्रेस की पुरानी साथी भी है। स्टालिन के बयान पर सवाल दागते हुए मालवीय ने पूछा कि क्या मुंबई की मीटिंग में इसी बात को लेकर सहमति बनी थी?
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फिलहाल विपक्षी दलों को यही लगता है कि वह हिंदुत्व के खिलाफ बोलकर ईसाई व मुस्लिम वोटों को हासिल कर लेंगे। तभी तो सनातन और हिंदुत्व के खिलाफ लगातार बयान बाजी जारी है। वरना सनातन व हिंदुत्व का राजनीति से क्या काम? ऐसे पहली बार नहीं है जब हिंदुत्व विपक्षी दलों के नेताओं के निशाने पर है। लगभग सभी दल हिंदुत्व व सनातन का विरोध करके सत्ता का स्वाद चख चुके हैं। केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ऐसे नेता हैं जो हिंदुत्व और हिंदू हितों की बात करके लगातार सत्ता में बने हुए हैं। विपक्ष अक्सर बीजेपी पर हिंदू-मुस्लिम कराने का आरोप लगाती रहती है। जबकि बीजेपी हिंदुत्व की बात करती है, मुस्लिम विपक्षी दल खुद लेकर आ जाते हैं। फिलहाल इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि ये सारे घटनाक्रम लोकसभा चुनाव को लेकर हो रहे हैं।
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