Kavita: तुम्हारी भीड़ बन लूंगी
तुम्हारी भीड़ बन लूंगी मुझे तुम भीड़ कर लेना। मगर नजदीक घर के तुम। अपना नीड़ कर लेना।। सुना था जब के तुम आए सभी को प्यार से देखा। कहीं…
तुम्हारी भीड़ बन लूंगी मुझे तुम भीड़ कर लेना। मगर नजदीक घर के तुम। अपना नीड़ कर लेना।। सुना था जब के तुम आए सभी को प्यार से देखा। कहीं…
Kahani: एक बार की बात है, एक बहुत ही पुण्य व्यक्ति अपने परिवार सहित तीर्थ के लिए निकला। कई कोस दूर जाने के बाद पूरे परिवार को प्यास लगने लगी।…
Kahani: एक गांव में एक बूढ़ा व्यक्ति रहता था, जो वस्तुओं के उपयोग के मामले में बहुत कंजूस था। उन्हें बचा बचा कर उपयोग किया करता था। उसके पास एक…
Kahani: एक औरत रोटी बनाते बनाते “ॐ नम: शिवाय ” का जाप कर रही थी। अलग से पूजा का समय कहाँ निकाल पाती थी बेचारी, तो बस काम करते करते…
Kahani: एक डाकू था जो साधु के भेष में रहता था। वह लूट का धन गरीबों में बाँटता था। एक दिन कुछ व्यापारियों का जुलूस उस डाकू के ठिकाने से…