Kavita: तुम्हारी भीड़ बन लूंगी
तुम्हारी भीड़ बन लूंगी मुझे तुम भीड़ कर लेना। मगर नजदीक घर के तुम। अपना नीड़ कर लेना।। सुना था जब के तुम आए सभी को प्यार से देखा। कहीं…
तुम्हारी भीड़ बन लूंगी मुझे तुम भीड़ कर लेना। मगर नजदीक घर के तुम। अपना नीड़ कर लेना।। सुना था जब के तुम आए सभी को प्यार से देखा। कहीं…
सबसे भारी क्या है? पर्वत पहाड़ या दर्द से भारी मन, नहीं! सबसे भारी है माथे का वो घूंघट जिसमें संस्करों के नाम पर पिघल जाती हैं कितनी ही कलाएँ,…
काली औरतें छुपा ले गयी संसार के सारे काले करतूत धोखा खाकर सोचती रही घण्टों बंद कमरों में अपने माशूक को अपने निबालों में खाती रही भर-भर कर कोयले के…