Poetry: हकीकत
इतना ही लो प्याली में, समा न जाओ नाली में। चुंबन-जैसी लगती है, प्यार भरा है गाली में। जोश दिला देती है वो, इतनी ताकत ताली में। वृक्षों में जीवन…
इतना ही लो प्याली में, समा न जाओ नाली में। चुंबन-जैसी लगती है, प्यार भरा है गाली में। जोश दिला देती है वो, इतनी ताकत ताली में। वृक्षों में जीवन…
( कलम ) कवि! तेरा क्या बिगड़ा है, तू क्यों इतना हारा है? क्यूँ हर बार विरह का गीत, लिखता, कलम से सारा है? क्यूँ न लिखता प्रेम कहानी, क्यूँ…
जब रसोई में दाना न हो छप्पन भोग बना दे। सोने को बिछौना न हो पलकें बिछा दे। सिर पर छत न हो आँचल ओढ़ा दे। रोने को कंधा न…
सच्चा समाजवाद एक अंधा, एक लंगड़ा, दोनों ने एक-दूसरे को पकड़ा। दोनों साथ-साथ चलने लगे, एक-दूसरे पर मरने लगे। बातों के बताशे फोड़ने लगे, राष्ट्रवाद का गला मरोड़ने लगे। उनमें…
स्त्रियों की स्थिति अब बहुत बेहतर हो चुकी है जब-जब मुझे ऐसा कोई भ्रम होने लगता है मैं चला जाता हूँ सार्वजनिक शौचालय जहां दरवाज़ों के पीछे अनजान स्त्रियों के…
सभी कविताएं पुष्पों की भांति कोमल नहीं होती कुछ कविताएं खूंखार कुत्ते की भांति काटने को दौड़ती हैं उनके अंदर करुणा नहीं आक्रोश भरा होता है। कविताएं सीधी गायों की…
तुम्हारी भीड़ बन लूंगी मुझे तुम भीड़ कर लेना। मगर नजदीक घर के तुम। अपना नीड़ कर लेना।। सुना था जब के तुम आए सभी को प्यार से देखा। कहीं…
जिसके जीवन में राष्ट्र प्रथम, जिसके उर में था पला ताप। क्षण-क्षण राष्ट्र समर्पित था जो, रण बांकुरा अमर राणा प्रताप।। सब सुविधाएं त्याग जो बढ़ा, झुका न टूटा कभी…
आओ चलें गांव में अपने, मिल कर घर द्वार सजाएं। मिलें परस्पर सब नर नारी, ग्रामोत्सव सुखद मनाएं।। यहाँ विरासत पुरखों की है, पितृ कर्म भूमि य़ह मेरी। स्मृतियों की…
कर्तव्य भाव से भरा रहे हर क्षण-पल जीवन सबका। क्रिया शीलता रहे सदा हो सृजनात्म भाव मन का।। निष्क्रिय जीवन से रहें दूर सद कर्म सदा वे कर पायें। वह…