Ganga Saptami Special: मां गंगा का अवतरण और गंगा प्रवाह पूजन का महात्म्य

Ganga Saptami Special: सनातन संस्कृति के लिए मां गंगा का स्थान प्राण तत्व का है। इसीलिए मां गंगा के अवतरण, अविरल प्रवाह और इनके पूजन के अनेक पवित्र मुहूर्त वर्ष…

Akshaya Tritiya: अक्षय है अस्तित्व

Akshaya Tritiya: अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते…

संस्कृत भाषा को दूसरी बार ज्ञानपीठ पुरस्कार

भारतीय साहित्य में सृजन के सर्वोच्च सम्मान प्रदान करने वालों की दृष्टि 1965 के बाद दूसरी बार संस्कृत भाषा पर पड़ी है। इस बार यह पुरस्कार संस्कृत और उर्दू को…

श्रीराम मंदिर, मोदी का तपस्वी नेतृत्व और संसद में अमित शाह

भारत की संसद में 10 फरवरी, 2024 का दिन ऐतिहासिक रहा। देश के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने लोकसभा में इस दिन जो उद्गार व्यक्त किया,…

UP budget: रामराज्य की ओर बढ़ती उत्तर प्रदेश की आर्थिक शक्ति

UP budget: उत्तर प्रदेश अब अर्थ संपन्न राज्य है। उत्तर प्रदेश अब शक्ति संपन्न राज्य है। उत्तर प्रदेश अब युवाशक्ति से संपन्न राज्य है। उत्तर प्रदेश अब नारीशक्ति की सुरक्षा…

Dharm Gyan: विज्ञान नहीं जानता, वेद बताते हैं, तुलसी लिखते हैं, वायु के 49 स्वरूप

Dharm Gyan: श्री अयोध्या जी। आइए एक अलौकिक ज्ञान से परिचित हुआ जाय। यह कोई सामान्य जानकारी नहीं है। हमारा सनातन जिसे महाविज्ञान कहता है, यह उसका एक अंशमात्र है।…

Rashtriya Swayamsevak Sangh: जगत को राममय सिद्ध करने की 99 वर्षों की अनथक यात्रा

आज विश्व राम मय है। केवल भारत ही नहीं, दुनिया भर श्रीराम की चर्चा है। अयोध्या की चर्चा है और लोग मांग रहे हैं श्रीरामचरित मानस (Shri Ramcharit Manas)। वह…

हिन्दू विरोधी टूलकिट का हिस्सा हैं फर्जी शंकराचार्य

संजय तिवारी काशी/अयोध्या: कलियुग के कालनेमियों से सनातन समाज को सतर्क रहने की आवश्यकता है। अनेक स्वघोषित शंकराचार्य आजकल चर्चा में हैं। इनके बारे में वास्तविक जानकारी नहीं होने से…

भारत की संत परपम्परा के आधुनिक उन्नायक स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती

वह संन्यासी हैं। संवेदनशील हैं। संघर्षशील हैं। सनातन क्रांतिवीर हैं। ऊर्जावान हैं। राष्ट्रवन्दना के अप्रतिम गायक हैं। भगवान आद्यशंकराचार्य की ज्योतिर्पीठ पर विराजमान शंकराचार्य भगवान स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के शिष्य…

श्रुति और ऋषि परंपरा से संचालित होता है सनातन

सनातन संस्कृति में केवल श्रुति ही सर्वोच्च है। यहां किसी शीर्ष आचार्य या किसी एक पुस्तक की नहीं चलती। यह विश्व के कल्याण और प्राणियों में सद्भावना का मार्ग है।…

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