Prerak Prasang: शूली को शूल में बदल देता है कर्म

Prerak Prasang: एक बार लक्ष्मी और नारायण धरा (पृथ्वी) पर घूमने आए। कुछ समय घूम कर वो विश्राम के लिए एक बगीचे में जाकर बैठ गए। नारायण आंख बंद कर…

Pauranik Katha: अहंकार करना उचित नहीं

Pauranik Katha: प्राचीन काल की बात है, शेषनाग का एक महा बलवान पुत्र था। उसका नाम मणिनाग था। उसने भक्ति भाव से भगवान शंकर की उपासना कर गरुड़ से अभय…

Pauranik Katha: सुलोचना को शेषनाग का श्राप

Pauranik Katha: एक बार लक्ष्मी माता ने शेषनाग को श्रीहरि विष्णु के हाथ पर बांध दिया। उन्होंने शेषनाग को कसकर श्रीहरि की कलाई पर बांध दिया जिससे उनके नेत्र से…

Pauranik Katha: दानवीर महाराज शिवि की कथा

Pauranik Katha: पुरुवंश में जन्मे उशीनर देश के राजा शिवि बड़े ही परोपकारी और धर्मात्मा थे। परम दानवीर राजा शिवि के द्वार से कभी कोई खाली हाथ नहीं जाता था।…

Pauranik Katha: पौराणिक आठ दिव्य बालक

Pauranik Katha: हमारे धर्म ग्रंथों में ऐसे अनेक बच्चों के बारे में बताया गया है जिन्होंने कम उम्र में ही कुछ ऐसे काम किए, जिन्हें करना किसी के बस में…

Prerak Prasang: भक्तवत्सल भगवान

Prerak Prasang: एक समय लक्ष्मी जी विष्णुजी को भोजन करा रही थी, विष्णुजी ने पहला ग्रास मुंह में लेने से पहले ही हाथ रोक लिया, और उठ कर चले गए।…

Pauranik Katha: हनुमान चालीसा की रचना कब और किन परिस्थितियों में हुई

Pauranik Katha: भगवान को अगर किसी युग में आसानी से प्राप्त किया जा सकता है तो वह युग है कलियुग। इस कथन को सत्य करता एक दोहा रामचरितमानस में तुलसीदास…

Pauranik Katha: सच्ची श्रद्धा ही तारती है

Pauranik Katha: एक बार नारद जी को किसी ब्राह्मण ने रोका व पूछा- क्या आप ईश्वर से भेंट करने जा रहे हैं? क्या आप उनसे पूछेंगे कि मुझे कब मुक्ति…

अंतरिक्ष का भी अनुसंधान कर रहे हैं विज्ञान और दर्शन

सम्पूर्ण प्रकृति से आत्मीय व्यवहार श्रेष्ठ है। प्रकृति की शक्तियाँ सुनिश्चित नियमों में गतिशील हैं। वैदिक पूर्वजों ने इस नियम को ऋत कहा है। प्रकृति की तरह मनुष्य को भी…

Pauranik Katha: राजा इल जिन्हें स्त्री के साथ बनना पड़ा था किन्नर

Pauranik Katha: जब लक्ष्मण ने अश्वमेघ यज्ञ के विशेष आग्रह किया तो श्री रामचन्द्र अत्यन्त प्रसन्न हुये और बोले- हे सौम्य! इस विषय में मैं तुम्हें राजा इल की कथा…

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