Poetry: हकीकत

इतना ही लो प्याली में, समा न जाओ नाली में। चुंबन-जैसी लगती है, प्यार भरा है गाली में। जोश दिला देती है वो, इतनी ताकत ताली में। वृक्षों में जीवन…

Poetry: कलम और कवि का संवाद

( कलम ) कवि! तेरा क्या बिगड़ा है, तू क्यों इतना हारा है? क्यूँ हर बार विरह का गीत, लिखता, कलम से सारा है? क्यूँ न लिखता प्रेम कहानी, क्यूँ…

Poetry: सहारा

पार्टी-चिन्ह सहारा मेरा। सबने जब दिल तोड़ दिया था, मुझे अकेला छोड़ दिया था। सिर्फ इसी ने साथ निभाया, प्यार किया, जीभर दुलराया। सुख-दुख का पक्का साथी है, असली दोस्त…

Poetry: प्रकृति हमें देती है सब कुछ

प्रकृति हमें देती है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखें। सूरज हमें रोशनी देता हवा नया जीवन देती है। भूख मिटाने को हम सबकी धरती पर होती खेती…

Poetry: हम सब परिवार एक

हम सब परिवार एक यह भाव जगाना है। अपने-अपने कर्तव्य मार्ग पर आगे बढते जाना है।। व्यक्ति-व्यक्ति में गुण अनेक व्यक्तित्व बढाना है। सोई शक्ति भस्म आप्लावित वह ऊपर लाना…

Poetry: मेरे जीवन के उद्देश्य

दीन दुखी के उर के भीतर, वर्मा करता सदा बसेरा। और मरीजों की सेवा में सदा समर्पित जीवन मेरा।। जनमानस की व्यथा देखकर मेरी आँखे भर आती है। जड़ता दूर…

Poetry: क्या सूरज कभी कहीं छुपता है

क्या सूरज कभी कहीं छुपता है, क्या देख चुनौती वो रुकता है। अहर्निश जीवन प्रकाश बांटता, क्या सूरज तेज ताप चुकता है।। वह तो सदा स्वंय की लय में, अपनी…

Poetry: युद्ध विराम

कोशिश करो कि बस बच जाएं, इतनी सी भावनाएं। कि युद्ध की विभीषिका के बीच, जब चल रही हों दनादन गोलियां। तोपों से बरस रही हो आग, खंडहर में तब्दील…

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