Poem: गाय हमारी माता है गी

गाय हमारी माता है गी, यह हम नित्य रहे हैं गाई। कभी आरती पूजन करते, चन्दन वन्दन रहे चढ़ाई।। सब देवता गाय में बसते, यह हम सबको रहे बताय। द्वार…

Poem: य़ह यक्ष प्रश्न है तेरा

बाहों में बहु बल था उत्साह महा प्रबल था वीरों का सुगठित दल था पर लड़कर हम क्यों हारे? क्षत्रिय रक्षा का हल था क्षत्राणी युग संबल था जौहर करना…

Poetry: सब बनिये पूर्ण समर्थ

शास्त्र सुरक्षित रहेंगे जीवंत रहे व्यवहार। उत्सव पूर्वक मनेंगे शांति मय त्योहार।। शस्त्र पूजन कीजिए नियमित हो अभ्यास। जीवन की शांति रहे है यही सनातन न्यास।। घर घर जाई देखिये…

Poem: बाल सुनहरे भारत के

बाल सुनहरे भारत के निर्माता और निदेशक हैं। वे जो भी स्वप्न संजोएंगे भावी के बड़े निवेशक हैं।। उनके हृदयों में हो भारत भारत की घनीभूत पूंजी। ऋषियों का उच्चासन…

Poetry: गांव को सार्थक करें

एकत्र हों साथ मिलकर गांव को सार्थक करें। हम बड़ा परिवार हैं सब प्रेरणा का स्वर भरें।। है दशहरा पूजन हमारा दस करें संकल्प हम सब। जो असम्भव हो सभी…

Poetry: सुख शांति समृद्धि चाहिए

तो सुदृढ़ करो ताना बाना। हो पड़ोसी हितकर अपना बजता वहीं आनन्द तराना।। भारत इस सुविधा से वंचित अतः नीति य़ह नहीं चलेगी। सोचो और विचारो मिलकर है बनी सोच…

Poetry: हर कदम ऊर्जा भरा हो

हर कदम ऊर्जा भरा हो हर कदम में दिशा दृष्टि। संकल्प से सिद्धि पाना होगी सनातन पूर्ण सृष्टि।। विविध विधि के कार्य हों परिणाम हों सबके मनोहर। बहु प्रेरणा जागृत…

Poetry: प्रातः नमन करें हम उनको

प्रातः नमन करें हम उनको जिनसे जीवन की गति चलती। जिनके होने से हम जग में जिनसे कर्म शक्ति है फलती।। नमन नित्य हम प्रातः करते परम प्रभू फिर धरती…

Kahani: भक्त गोविन्द दास

Kahani: बरसाना में गोविन्द दास नाम का एक भक्त रहता था। उसकी एक पुत्री थी, जिसका नाम था मुनिया। गोविन्द दास के परिवार में मुनिया के अलावा कोई नहीं था।…

Kahani: मन चंगा तो कठौती में गंगा

Kahani: एक बार की बात है, एक परिवार में पति-पत्नी एवं बहू बेटा यानी चार प्राणी रहते थे। समय आराम से बीत रहा था। चंद वर्षों बाद सास ने गंगा…