सृष्टि का स्थाई भाव नहीं है भौतिक विकास की काँचन काया
जगत के भौतिक विकास का काँचन स्वरूप कभी भी स्थाई नहीं रहा हैं। आगे भी नहीं रहेगा। कामिनी और कंचन के प्रभाव में जगत की काया तभी तक चमक पाती…
जगत के भौतिक विकास का काँचन स्वरूप कभी भी स्थाई नहीं रहा हैं। आगे भी नहीं रहेगा। कामिनी और कंचन के प्रभाव में जगत की काया तभी तक चमक पाती…