Pauranik Katha: मृत्युलोक का सबसे बड़ा सच
Pauranik Katha: गरुड़ जी को द्वार पर छोड़ कर श्री हरि विष्णु जी और योगमाया शिव से मिलने अंदर चले गए। तब कैलाश की प्राकृतिक शोभा को देख कर गरुड़…
Pauranik Katha: गरुड़ जी को द्वार पर छोड़ कर श्री हरि विष्णु जी और योगमाया शिव से मिलने अंदर चले गए। तब कैलाश की प्राकृतिक शोभा को देख कर गरुड़…
Pauranik Katha: मार्कंडेय पुराण एवं श्री हरिवंश पुराण में वर्णित कथाओं के अनुसार कल्पान्त में भगवान श्री विष्णु क्षीर सागर में शेष शैया पर योगनिद्रा में निमग्न थे। तभी उनके…
Pauranik Katha: भगवान शिव पार्वती जी को बताते हैं कि एक समय कैकेय देश पर महान राजा सत्यकेतु का शासन था। इस राजा के दो पुत्र थे, प्रताप भानु और…
Pauranik Katha: महामुनि मेधा ने राजा सुरथ और समाधि वैश्य को महा सरस्वती का चरित्र इस प्रकार सुनाया। प्राचीन काल में शुम्भ और निशुम्भ नामक दो परम पराक्रमी दैत्य उत्पन्न…
Pauranik Katha: लंका में महाबलशाली मेघनाद के साथ बड़ा ही भीषण युद्ध चला। अंतत: मेघनाद मारा गया। रावण जो अब तक मद में चूर था राम सेना, खास तौर पर…
Pauranik Katha: पं. श्रीशान्तनु बिहारी द्विवेदी (स्वामी श्री अखण्डानन्द सरस्वती) जब लौकिक कार्य वश घर से रवाना हो रहे थे, तो उनकी माता जी ने उन्हें तीन शिक्षाएं दीं। पहली-…
Pauranik Katha: अभिमन्यु के पुत्र राजा परीक्षित थे। राजा परीक्षित के बाद उन के पुत्र जन्मजेय राजा बने। एक दिन जन्मेजय वेदव्यास जी के पास बैठे थे। बातों ही बातों…
Pauranik Katha: गज और असुर के संयोग से एक असुर का जन्म हुआ। उसका मुख गज जैसा होने के कारण उसे गजासुर कहा जाने लगा। गजासुर शिवजी का बड़ा भक्त…
Pauranik Katha: एक समय की बात है कि भगवान श्री राम राज सभा में विराज रहे थे, उसी समय विभीषण वहाँ पहुंचे। वे बहुत भयभीत और हड़बड़ी में लग रहे…
Pauranik Katha: भगवान श्रीकृष्ण से पक्षीराज गरुड़ ने पूछा, हे प्रभु! पृथ्वी पर लोग अपने मृत पितरों का श्राद्ध करते हैं। उनकी रुचि का भोजन ब्राह्मणों आदि को कराते हैं।…