Pauranik Katha: कर्म में अकर्म कैसे, जानें विश्वामित्र और वशिष्ठ की कहानी
Pauranik Katha: वैदिककाल की बात है। सप्त ऋषियों में से एक ऋषि हुए है महर्षि वशिष्ठ। महर्षि वशिष्ठ राजा दशरथ के कुलगुरु और श्रीराम के आचार्य थे। उन दिनों महर्षि…
Pauranik Katha: वैदिककाल की बात है। सप्त ऋषियों में से एक ऋषि हुए है महर्षि वशिष्ठ। महर्षि वशिष्ठ राजा दशरथ के कुलगुरु और श्रीराम के आचार्य थे। उन दिनों महर्षि…
Pauranik Katha: रावण ने जब माँ सीता जी का हरण करके लंका ले गया तब लंका मे सीताजी वट वृक्ष के नीचे बैठ कर चिंतन करने लगी। रावण बार-बार आकर…
Pauranik Katha: क्षीरसागर में भगवान विष्णु शेष शैया पर विश्राम कर रहे हैं और लक्ष्मीजी उनके पैर दबा रही हैं। विष्णुजी के एक पैर का अंगूठा शैया के बाहर आ…
Pauranik Katha: विदर्भ देश में भीष्मक नाम के एक राजा राज्य करते थे। उनकी पुत्री का नाम दमयन्ती था। दमयन्ती लक्ष्मी के समान रूपवती थी। उन्हीं दिनों निषध देश में…
Pauranik Katha: एक बार श्री हरि (विष्णु) के मन में एक घोर तपस्या करने की इच्छा जाग्रत हुई। वह उचित जगह की तलाश में इधर-उधर भटकने लगे। खोजते-खोजते उन्हें एक…
Pauranik Katha: महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत ग्रंथ में अनेक महारथी व बलशाली राजाओं का वर्णन है। ऐसा ही एक महारथी राजा था जरासंध। उसके जन्म व मृत्यु की कथा…
उज्जयिन्यां कूर्परं व मांगल्य कपिलाम्बरः। भैरवः सिद्धिदः साक्षात् देवी मंगल चण्डिका। Pauranik Katha: पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार माता सती के पिता दक्षराज ने विराट यज्ञ का भव्य आयोजन…
Pauranik Katha: भगवान विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा देवी का विवाह भगवान सूर्य से हुआ था। उन दोनों की तीन संताने थी। वैवस्वत, यम, औऱ यमुना। संज्ञा देवी अपने पति सूर्य…
Pauranik Katha: अभिमन्यु के पुत्र राजा परीक्षित थे। राजा परीक्षित के बाद उनके पुत्र जन्मेजय राजा बने। एक दिन जन्मेजय वेदव्यास जी के पास बैठे थे। बातों ही बातों में…
Pauranik Katha: एक बार की बात है, देवी पार्वती का मन खोह और कंदराओं में रहते हुए ऊब गया। दो नन्हें बच्चे और तरह-तरह की असुविधाएँ। उन्होंने भगवान शंकर से…