Poetry: प्रातः नमन करें हम उनको
प्रातः नमन करें हम उनको जिनसे जीवन की गति चलती। जिनके होने से हम जग में जिनसे कर्म शक्ति है फलती।। नमन नित्य हम प्रातः करते परम प्रभू फिर धरती…
प्रातः नमन करें हम उनको जिनसे जीवन की गति चलती। जिनके होने से हम जग में जिनसे कर्म शक्ति है फलती।। नमन नित्य हम प्रातः करते परम प्रभू फिर धरती…
राष्ट्र भक्ति का भाव लिये हम आगे बढ़ते जायें l संघ मंत्र के बने पुरोधा समरस ज्योति जलायें ll सिंधु हिमालय से लेकर हिन्दु सागर तक एक l सभी उरों…
काल चक्र चल रहा निरन्तर हर पल कुछ हमसे कहता है। सूक्ष्म दृष्टि का हो जो पारखी भावी से सदा विज्ञ रहता है।। जो भी आज प्रकट होता है बोये…
गति को प्रगति प्रगति को मति दे। मति को दृष्टि सुज़न संगति दे।। पौरुष को धैर्य धैर्य को विवेक दे। विवेक को नीति नीति को सम्मति दे।। साहस शील विनय…
राम कृष्ण महावीर बुद्ध हैं नानक भारत के नायक। बाल्मीकि वेदव्यास सूर तुलसी हैं भारत के गायक।। भारत से ‘भा’रत है भारत भारत ऋषियों की तपोभूमि। यहाँ हुए भगीरथ से…
बाहों में बल, पैरों में गति, संकल्प अटूट हृदय में हो। धैर्य विवेक लगन के स्वामी, अपनत्व भाव अन्तर में हो।। दुष्ट दलन सामर्थ्य तुम्हारी, दृष्टि से पराभूत भयकारी। हित…
‘भा’रत भारत पुनः खड़ा हो, स्वामी विवेकानन्द ने बोला था। स्वर्णिम अतीत को जानेंगे सब, नव स्वाभिमान पथ खोला था।। झंझावातों में बढ़ हम सब ने, है कटक पथ की…
हरिशंकरी रोपित करो बनो हरियाली के मित्र जलवायु भी ठीक हो बदले धरती का चित्र बदले धरती का चित्र ताप भी कम हो जाये मानवता के साथ ही पशु पक्षी…
जनगण मंगल दायक जय हे भारत भाग्य विधाता। उत्तर में कैलाश मानसर है गंग सिंधु उद्गाता। दक्षिण में है हिन्दू सागर भारत तरल तरंगा। पूरब में है वंग की खाड़ी…
बृजेंद्र क्या योगदान तुम्हारा है। सर्वोच्च ज्ञान सम्पदा पूर्ण फिर भारत क्यों हारा है।। भारत कटता छटता रहा हम रहे सिकुड़ कर मौन। इसका अपराधी कौन है सोचो! है उत्तरदायी…