Kavita: गजब दीवाने
हम थे गजब दीवाने, बस दीवाने रह गए, सिरहाने हुए लोग, हम पैताने रह गए। जब वक्त की धारा के साथ बह नहीं पाए, फेंका लहर ने दूर तो अनजाने…
हम थे गजब दीवाने, बस दीवाने रह गए, सिरहाने हुए लोग, हम पैताने रह गए। जब वक्त की धारा के साथ बह नहीं पाए, फेंका लहर ने दूर तो अनजाने…
Kahani: एक गांव में धर्मदास नामक एक व्यक्ति रहता था। बातें तो बड़ी ही अच्छी- अच्छी करता था पर था एकदम कंजूस। कंजूस भी ऐसा वैसा नहीं बिल्कुल मक्खीचूस। चाय…
देश स्त्री उत्पीड़न की घटनाओं से चिंतित है। यह समाज और राज दोनों के लिए पीड़ादायी है। स्त्री उत्पीड़कों को दण्डित करने के लिए अनेक कानूनी प्रावधान हैं। कानून पालन…
-दामोदर सिंह राजावत 29 सितंबर, 2024 का दिन पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में एक नई इबारत लिखने जा रहा है। राजस्थान के पाली मारवाड़ में आयोजित एक भव्य समारोह…
Heart Touching Story: बाहर फेरीवाला आया हुआ था, कई तरह का सामान लेकर। बिंदिया, काँच की चूड़ियाँ, रबर बैण्ड, हेयर बैण्ड, कंघी, काँच के और भी बहुत सारे सामान थे।…
Kahani: एक सेठ ने अन्नसत्र खोल रखा था। उनमें दान की भावना तो कम थी पर समाज उन्हें दानवीर समझकर उनकी प्रशंसा करे यह भावना मुख्य थी। उनके प्रशंसक भी…
Pauranik Katha: महाराज सत्राजित का भगवान भास्कर में स्वाभाविक अनुराग था। उनके नेत्र कमल तो केवल दिन में भगवान सूर्य पर टकटकी लगाये रहते हैं, किंतु सत्राजित की मनरूपी आंखें…
Prerak Prasang: एक बार स्वामी विवेकानंद को बंदरों का सामना करना पड़ा था। वह इस आप बीती को कई अवसरों पर बड़े चाव के साथ सुनाया करते थे। इस अनुभव…
Kahani: एक माँ थी उसका एक बेटा था। माँ-बेटे बड़े गरीब थे। एक दिन माँ ने बेटे से कहा– बेटा! यहाँ से बहुत दूर तपोवन में एक दिगम्बर मुनि पधारे…
Book Review: हिंदी के तमाम मूर्धन्य संपादक पत्रकारिता के किसी संस्थान या विश्वविद्यालय से प्रशिक्षित नहीं थे। किंतु वे अपने आप में प्रशिक्षण संस्थान थे। वे पूरे के पूरे पाठ्यक्रम…