Poem: जाग रहा भारत फ़िर से

जाग रहा भारत फ़िर से हम जागें, कर पायें सद कर्म प्रभु से यह मांगें। पावन अतीत की थाती का गौरव ले, स्वर्णिम भवितव्य रचायें भ्रम भागें।। गति में मन…

Kavita: माँ सुबह का सूरज होती है

माँ भोर में उठती है कि माँ के उठने से भोर होती है ये हम कभी नहीं जान पाये। बरामदे के घोसले में बच्चों संग चहचहाती गौरैया माँ को जगाती…

Kahani: समर्पण का भाव

Kahani: एक बार एक बेहद ख़ूबसूरत महिला समुद्र के किनारे रेत पर टहल रही थी। समुद्र की लहरों के साथ कोई एक बहुत चमकदार पत्थर छोर पर आ गया। महिला…

Kahani: बूढ़े तोते की सीख, मुश्किल में न छोड़े साथ

Kahani: एक बार एक शिकारी शिकार करने के लिए जंगल में पहुंचा। उसने अपने तीर पर बहुत ही खतरनाक जहर लगाया और शिकार को निशाना बना करके उसने तीर को…

Pauranik Katha: कैकेयी को दंड

Pauranik Katha: एक दिन संध्या के समय सरयू के तट पर तीनों भाइयों संग टहलते श्रीराम से भरत ने कहा, “एक बात पूछूं भइया? माता कैकई ने आपको वनवास दिलाने…

Pauranik Katha: बहुत कम लोगों को पता है रामायण की इस चौपाई का रहस्य

Pauranik Katha: श्रीरामकथा में श्रीराम के एवं भरत के चरित्र की मार्मिक कथाएँ पत्थर को भी पिघलाने वाली हैं। श्रीराम के वनगमन हो जाने तथा महाराज दशरथ के परलोक गमन…

Gyan Ki Baat: रावण का ज्ञान

Gyan Ki Baat: भगवान राम के तीखे वाणों से दशानन धराशायी हो गया। भगवान जानते थे कि एक महा ज्ञानी, पंडित और राजनीतिज्ञ आज संसार से जा रहा है। उन्होंने…

Gyan Ki Baat: भाग्य और पुरुषार्थ का रहस्य

Gyan Ki Baat: भाग्य और पुरुषार्थ का रहस्य बहुत ही गूढ़ है। दोनों में कौन श्रेष्ठ है? यह एक ऐसा प्रश्न है जिसके बारे में हर कोई जानने की इच्छा…

Kahani: घर वापसी

Kahani: एक बार एक पुत्र अपने पिता से रूठ कर घर छोड़ कर दूर चला गया और फिर इधर उधर यूँ ही भटकता रहा। दिन बीते, महीने बीते और साल…

Pauranik Katha: कुबेर का अहंकार

Pauranik Katha: यह एक पौराणिक कथा है। कुबेर तीनों लोकों में सबसे धनी थे। एक दिन उन्होंने सोचा कि हमारे पास इतनी संपत्ति है, लेकिन कम ही लोगों को इसकी…

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