Poetry: पहले मित्र बनो तुम अपने
पहले मित्र बनो तुम अपने, सब जग के बन जाओगे। कदम जहाँ रखोगे जग में, अपनी प्रतिध्वनि पाओगे।। जो भी मिले प्रेरणा पाए, उत्साह उमंग से भर जाये। ले संकल्प…
पहले मित्र बनो तुम अपने, सब जग के बन जाओगे। कदम जहाँ रखोगे जग में, अपनी प्रतिध्वनि पाओगे।। जो भी मिले प्रेरणा पाए, उत्साह उमंग से भर जाये। ले संकल्प…
दीप जलाएं हम खुशियों के, कहीं अंधेरा ना रह जाए। कर्तव्य साधना करें हम सभी, रामराज्य ज़न मन में आये।। संकल्प करें प्रेरणा बनें हम, जागें जीवन की सभी दिशाएं।…
नील कंठ का ध्यान कर शिव को करिए याद। हो सत्यम शिवम सुन्दरम नित घर घर में संवाद।। हित जिससे देवत्व का मिलि कीजे सोई काज। जिमि मानवता रक्षित रहे…
हर कदम ऊर्जा भरा हो हर कदम में दिशा दृष्टि। संकल्प से सिद्धि पाना होगी सनातन पूर्ण सृष्टि।। विविध विधि के कार्य हों परिणाम हों सबके मनोहर। बहु प्रेरणा जागृत…
प्रातः नमन करें हम उनको जिनसे जीवन की गति चलती। जिनके होने से हम जग में जिनसे कर्म शक्ति है फलती।। नमन नित्य हम प्रातः करते परम प्रभू फिर धरती…