मूल परंपरा से संवाद जरूरी है
आधुनिकता प्रायः आकर्षण होती है। नई होती है और ताजी प्रतीत होती है। लेकिन वास्तविक आधुनिकता विचारणीय है। आधुनिकता नकली भी होती है। दरअसल आधुनिकता स्वयं में कोई निरपेक्ष आदर्श…
आधुनिकता प्रायः आकर्षण होती है। नई होती है और ताजी प्रतीत होती है। लेकिन वास्तविक आधुनिकता विचारणीय है। आधुनिकता नकली भी होती है। दरअसल आधुनिकता स्वयं में कोई निरपेक्ष आदर्श…
प्रत्यक्ष पर्यावरण प्रकृति की संरचना है। भारत के प्राचीन काल में भी प्राकृतिक पर्यावरण की उपस्थिति मनमोहक थी। प्रकृति को देखते, उसके विषय में सोचते और सुनते मनुष्य ने भी…
भारत की पहचान आदर्श मानव मूल्यों और नैतिकता को माना जाता है। हजारों वर्षों से भारतीय संस्कृति के विचार सागर में इन दो गुणों की सदा से प्राबल्यता रही है।…
छतरपुर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा पेप्टिक टाउन में मेरी संस्कृति मेरी पहचान पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान ब्रह्माकुमारी रीमा बहन ने कहा कि हमारी पहचान हमारे देश…
Noida: भारतीय संस्कृति का मूलाधार सनातन संस्कृति है, जिसके संवाहक प्रभु श्रीराम विभिन्न रूपों में हम सब में प्राण वायु संचरित करते हुए जीने की राह दिखाते और निरंतर सत्कर्म…
किसी भी लोकतांत्रिक देश में जनता और सरकार के मध्य जन-जन की भाषा ही संपर्क भाषा के रूप में सार्थक भूमिका अदा कर सकती है। हिंदी, भारतीय संस्कृति के मूल…
Lucknow: अवध बार एसोसिएशन उच्च न्यायालय लखनऊ (Avadh Bar Association High Court Lucknow) के आयोजकत्व में उच्च न्यायालय के एडिटोरियम में “विधि क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका” विषय पर एक…
Gorakhpur News: रंगोली हमारे संस्कार मांगलिक उत्सव से जुड़ा है। रंगोली भारतीय संस्कृति की अनमोल थाती है। वैदिक काल से ही भारतीय संस्कृति में शुभ मांगलिक अनुष्ठान में रंगोली बनाने…
नई दिल्ली: सार्क देशों के पत्रकार संगठन ‘सार्क जर्नलिस्ट फोरम’ (एसजेएफ) के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को भारतीय जन संचार संस्थान का दौरा किया। आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी…
नई दिल्ली: भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय जन संचार संस्थान द्वारा आयोजित ‘शुक्रवार संवाद’ को संबोधित करते…