Poetry: पं. बृजभूषण राय की भूमि, बीसोखोर
पूरब दिशा में पीतांबर बाबा, तेज लिए रथ से अवतार। राजयोग की छाया जैसे, न्याय करें निष्कलंक विचार॥ तप की ज्वाला पूजा जिनकी, अवतारी माने सब ज्ञान। जप-यज्ञ के तेजस्वी…
पूरब दिशा में पीतांबर बाबा, तेज लिए रथ से अवतार। राजयोग की छाया जैसे, न्याय करें निष्कलंक विचार॥ तप की ज्वाला पूजा जिनकी, अवतारी माने सब ज्ञान। जप-यज्ञ के तेजस्वी…