सूखती नदियां, बढ़ता तापमान, हाय रे इंसान
प्रकृति का प्रत्येक अंश और अंग परस्परावलम्बन में है। सब एक दूसरे पर आश्रित हैं। न जल स्वतंत्र है और न ही हवा। वनस्पतियां औषधियां भी स्वतंत्र नहीं हैं। लाखों…
प्रकृति का प्रत्येक अंश और अंग परस्परावलम्बन में है। सब एक दूसरे पर आश्रित हैं। न जल स्वतंत्र है और न ही हवा। वनस्पतियां औषधियां भी स्वतंत्र नहीं हैं। लाखों…