विश्वनाथ की नगरी काशी अविनाशी की महिमा

पंचकोशी काशी का अविमुक्त क्षेत्र ज्योतिर्लिंग स्वरूप स्वयं भगवान विश्वनाथ हैं। ब्रह्माजी ने भगवान की आज्ञा से ब्रह्माण्ड की रचना की। तब दयालु शिव जी ने विचार किया कि कर्म-बंधन…

Astrology: अंतिम ऋण चिता की लकड़ी

Astrology: क्या आप जानते हैं मृत्यु के बाद भी कुछ ऋण होते हैं, जो मनुष्य का पीछा करते रहते हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों में पांच प्रकार के ऋण बताए गए…

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