संवाद और संचार की दुनिया में बज रहा हिंदी का डंका

कोलकाता से 200 साल पहले जब पं. युगुलकिशोर शुक्ल ने हिंदी का पहला पत्र 30 मई,1826 को प्रारंभ किया होगा, तो उन्होंने यह सोचा भी न होगा कि हिंदी पत्रकारिता…

Book Review: तीन श्रेष्ठ कवियों की पत्रकारिता का आकलन

Book Review: हिंदी के तमाम मूर्धन्य संपादक पत्रकारिता के किसी संस्थान या विश्वविद्यालय से प्रशिक्षित नहीं थे। किंतु वे अपने आप में प्रशिक्षण संस्थान थे। वे पूरे के पूरे पाठ्यक्रम…

भारतबोध के प्रखर प्रवक्ता थे गणेशशंकर विद्यार्थी: प्रो. संजय द्विवेदी

Prayagraj: “हिंदी पत्रकारिता में गणेशशंकर विद्यार्थी भारतबोध के प्रखर प्रवक्ता की तरह सामने आते हैं। उनकी पत्रकारिता का सूत्र है राष्ट्र प्रथम। इन्हीं मूल्यों के लिए उन्होंने अपना जीवन भी…

भारतबोध के वैश्विक प्रवक्ता थे वैदिक: प्रो. द्विवेदी

इन्दौर: भारतीय भाषाओं के लिए समर्पित योद्धा, 13 साल की आयु में हिंदी सत्याग्रही के नाते 1957 में पटियाला जेल में रहे, भारत को भारतीय दृष्टि से देखने वाले, वैश्विक…

खबरों पर यकीन कम होना मीडिया के लिए चिंताजनक: हरिवंश

कोलकाता: राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने हिंदी पत्रकारिता (Hindi journalism) पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया के सामने आज विश्वसनीयता का संकट बना…

व्यक्ति नहीं, एक विचार हैं पं. युगल किशोर शुक्ल: प्रो. संजय द्विवेदी

नई दिल्ली: पं. युगल किशोर शुक्ल का पूरा जीवन हिंदी पत्रकारिता, भारतबोध और सामाजिक प्रतिबद्धताओं को समर्पित था। उन्होंने पत्रकारिता में मूल्यों को समझा था और लोक कल्याण और जनसरोकार…

हिंदी पत्रकारिता के प्रवर्तक पं. युगल किशोर शुक्ल के नाम पर होगा आईआईएमसी का पुस्तकालय

नई दिल्ली: भारतीय जन संचार संस्थान का पुस्तकालय अब पं. युगल किशोर शुक्ल ग्रंथालय एवं ज्ञान संसाधन केंद्र के नाम से जाना जाएगा। हिंदी पत्रकारिता के प्रवर्तक पं. युगल किशोर…