हिन्दी के मौलिक स्वरूप के प्रति आदर और बढ़ा है
सरपट, सपाट, बताशा, भगदड़ जैसे हिन्दी के 367 शब्दों को अंग्रेजी ने दो वर्षों में अपनाया है। इसके लिए इंग्लिश के विद्वानों की समिति समय-समय पर निर्णय करती है। उनकी…
सरपट, सपाट, बताशा, भगदड़ जैसे हिन्दी के 367 शब्दों को अंग्रेजी ने दो वर्षों में अपनाया है। इसके लिए इंग्लिश के विद्वानों की समिति समय-समय पर निर्णय करती है। उनकी…
एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है, बल्कि हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति और संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज…
मातृभाषा वैयक्तिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि का बोध कराती है। समाज को स्वदेशी भाव-बोध से सम्मिलित कराते हृए वैश्विक धरातल पर राष्ट्रीय स्वाभिमान की विशिष्ट पहचान दिलाती है। किसी भी देश…
Devriya News: ‘विश्व समुदाय (World Community) को एक सूत्र में यदि कोई पिरो सकता है तो वह है हिन्दी।’ उक्त बातें अपने संबोधन में सांसद रविंद्र कुशवाहा ने कहीं। वे…
अब जबकि सूरत में 14 सितंबर, 2022 से दो दिवसीय द्वितीय राजभाषा सम्मेलन प्रारंभ हो रहा है, तो यह जरूरी है कि हम राजभाषा की विकास बाधाओं पर बात जरूर…