Kahani: दस रुपये के बदले तेरह लाख
Kahani: सेठ ने अभी दुकान खोली ही थी कि एक औरत आई और बोली, सेठ जी, ये लीजिए आपके दस रुपये। सेठ ने उस गरीब-सी औरत को प्रश्नवाचक नज़रों से…
Kahani: सेठ ने अभी दुकान खोली ही थी कि एक औरत आई और बोली, सेठ जी, ये लीजिए आपके दस रुपये। सेठ ने उस गरीब-सी औरत को प्रश्नवाचक नज़रों से…
Kahani: पुराने समय में दो दोस्त थे। बचपन में दोनों साथ पढ़ते और खेलते थे। पढ़ाई पूरी होने के बाद दोनों दोस्त अपने-अपने जीवन में व्यस्त हो गए। एक दोस्त…
Pauranik Katha: महाराज सत्राजित का भगवान भास्कर में स्वाभाविक अनुराग था। उनके नेत्र कमल तो केवल दिन में भगवान सूर्य पर टकटकी लगाये रहते हैं, किंतु सत्राजित की मनरूपी आंखें…
Kahani: एक बार एक किसान जंगल में लकड़ी बिनने गया तो उसने एक अद्भुत घटना देखी। एक लोमड़ी के दो पैर नहीं थे, फिर भी वह खुशी-खुशी घसीट कर चल…
Kahani: किसी गांव में एक गड़रिया रहता था। वह लालची स्वभाव का था। हमेशा यही सोचा करता था कि किस प्रकार वह गांव में सबसे अमीर हो जाये। उसके पास…
Kahani: एक व्यक्ति जीवन से हर प्रकार से निराश था। लोग उसे मनहूस के नाम से बुलाते थे। एक ज्ञानी पंडित ने उसे बताया कि तेरा भाग्य फलां पर्वत पर…
Kahani: किसी के पास धन बहुत है तो यह कोई विशेष भगवत्कृपा की बात नहीं है। यह धन आदि वस्तुएँ तो पापी को भी मिल जाती हैं।‘सुत दारा अरु लक्ष्मी…
Kahani: एक समय की बात है, एक राजा था। उसकी चार पत्नियां थीं, जो एक से बढ़कर एक सुन्दर एवं गुणों से युक्त थीं। राजा उन चारों से अनुराग रखता…
Pauranik Katha: एक पौराणिक कथा के अनुसार शंखचूड़ नाम का महा पराक्रमी दैत्य था। शंखचूड़ दैत्यराम दंभ का पुत्र था। जब दैत्य राज दंभ को बहुत समय तक कोई संतान…
Pauranik Katha: वैदिककाल की बात है। सप्त ऋषियों में से एक ऋषि हुए है महर्षि वशिष्ठ। महर्षि वशिष्ठ राजा दशरथ के कुलगुरु और श्रीराम के आचार्य थे। उन दिनों महर्षि…