Poem: सुकून गाँव में है

सुकून गाँव में है, पेड़ों के छाँव में है। शहर के लोग तो, टेंशन, तनाव में हैं। स्वतंत्र हैं लोग यहाँ, न किसी प्रभाव में हैं। द्वेष में कुछ न…

Kavita: तुम मुझे फिर मिलो

काश फिर ऐसा हो, तुम मुझे फिर मिलो। फिर मुझे जानने मैं रूचि लो, मुझे वापस बताओ। तुम्हारा लिखा पढ़ा मैंने, बहुत खूब लिखती हो।। फिर तुम्हें गले से लगा…

Poem: भटक गए हम राहों में

भटक गए हम राहों में, मंजिल का ठिकाना नहीं था। ले गई जिंदगी उन राहों में, जहां हमें जाना नहीं था। कुछ क़िस्मत की मेहरबानी, कुछ हमारा कसूर था। हमने…

Poem: हम भारत के रहने वाले हैं

हम भारत के रहने वाले हैं, भारत की बात बताते हैं। इसकी मिट्टी से प्रेम मुझे, ये जगती को समझाते हैं।। सह जीवन में विश्वास मेरा, प्रकृति से साथ निभाते…

Poem: परीक्षा कक्ष में

परीक्षा कक्ष में परीक्षा देने के लिए महज़ अभ्यर्थी नहीं बैठता, उसके साथ बैठते हैं अपने-परायों के बेहिसाब दिल चीरते ताने जीत-हार के बीच का मन में पलता द्वंद कई…

Kavita: सिसकते साजों का संगीत

एलबम में लगी तस्वीर के नीचे, छुपाकर रखती होगी कोई तस्वीर। तह किये हुए कपड़ों के बीच, पुराने पीले कागज बतौर प्रेम पत्र।। रूमाल में टांकती होगी, कोई खूबसूरत फूल।…

Kavita: कुम्भ सफल हो झण्डा लेकर

कुम्भ सफल हो झण्डा लेकर थैला थाली और गिलास। स्वच्छ कुम्भ का परिसर सारा सुरक्षित पर्यावरण विकास।। गांव गांव में करें जागरण नव चैतन्य का ले प्रकाश। घर से चलें…

Kavita: शुभ संकेत

भारत फिर से जाग रहा है विघटन दुर्गुण भाग रहा है। जगे रक्त वंश संबन्ध पुराने पुरखों का युग मांग रहा है।। तुर्क मुगल हैं नहीं हमारे मति भ्रम से…

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