Kavita: ओ गॉड!

गॉड ये कैसा खेल हो गया, पप्पू फिर से फेल हो गया। खूब सिखाया, खूब पढ़ाया, तोते-जैसा उसे रटाया। इधर भेजकर, उधर भेजकर, जगह-जगह नाटक करवाया। फिर भी क्यों बेमेल…

Kahani: कर्म भोग

अवश्यमेव भोक्तव्यं, कृतं कर्म शुभाशुभम्। Kahani: गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि प्रत्येक जीव को अपने किये हुए अच्छे एवं बुरे कर्मों के फल को भोगना पड़ता है।…

पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का दस्तावेज है ‘लोगों का काम है कहना’

सुदर्शन व्यास ‘लोगों का काम है कहना…’ पुस्तक का आखिरी पन्ना पलटते समय संयोग से महात्मा गांधी का एक ध्येय वाक्य मन–मस्तिष्क में गूंज उठा– ‘कर्म ही पूजा है’। जब…

Kahani: धन-ज्ञान का सदुपयोग कैसे करें

Kahani: एक गांव में धर्मदास नामक एक व्यक्ति रहता था। बातें तो बड़ी ही अच्छी- अच्छी करता था पर था एकदम कंजूस। कंजूस भी ऐसा वैसा नहीं बिल्कुल मक्खीचूस। चाय…

स्त्री उत्पीड़न समाज और राज दोनों के लिए पीड़ादायी

देश स्त्री उत्पीड़न की घटनाओं से चिंतित है। यह समाज और राज दोनों के लिए पीड़ादायी है। स्त्री उत्पीड़कों को दण्डित करने के लिए अनेक कानूनी प्रावधान हैं। कानून पालन…

मीडिया गुरु सम्मान से अलंकृत हुए पत्रकारिता के ‘संजय’

-दामोदर सिंह राजावत 29 सितंबर, 2024 का दिन पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में एक नई इबारत लिखने जा रहा है। राजस्थान के पाली मारवाड़ में आयोजित एक भव्य समारोह…

Heart Touching Story: सुहागन की बिंदी

Heart Touching Story: बाहर फेरीवाला आया हुआ था, कई तरह का सामान लेकर। बिंदिया, काँच की चूड़ियाँ, रबर बैण्ड, हेयर बैण्ड, कंघी, काँच के और भी बहुत सारे सामान थे।…

Kahani: पवित्र दान

Kahani: एक सेठ ने अन्नसत्र खोल रखा था। उनमें दान की भावना तो कम थी पर समाज उन्हें दानवीर समझकर उनकी प्रशंसा करे यह भावना मुख्य थी। उनके प्रशंसक भी…

Pauranik Katha: सूर्य आराधना का अद्भुत फल

Pauranik Katha: महाराज सत्राजित का भगवान भास्कर में स्वाभाविक अनुराग था। उनके नेत्र कमल तो केवल दिन में भगवान सूर्य पर टकटकी लगाये रहते हैं, किंतु सत्राजित की मनरूपी आंखें…

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