Story: सूने घर बुलाते हैं…
Story: किसी दिन सुबह उठकर (Motivational Story Hindi) एक बार इसका जायज़ा लीजियेगा कि कितने घरों में अगली पीढ़ी के बच्चे रह रहे हैं? कितने बाहर निकलकर नोएडा, गुड़गांव, पूना,…
Story: किसी दिन सुबह उठकर (Motivational Story Hindi) एक बार इसका जायज़ा लीजियेगा कि कितने घरों में अगली पीढ़ी के बच्चे रह रहे हैं? कितने बाहर निकलकर नोएडा, गुड़गांव, पूना,…
जिंदगी में संगत का बड़ा मायने होता है। कहा भी गया है कि ‘संगत से गुण होत है, संगत से गुण जाय।’ मतलब जैसी आपकी संगत होगी, आपके हाव, भाव…
आचार्य संजय द्विवेदी की नई किताब ‘न हन्यते’ को खोलने से पहले मन पर एक छाप थी कि पत्रकारिता के आचार्य की पुस्तक है और दिवंगत प्रख्यातों के नाम लिखे…
उर के सुर विपरीत हो जब, झूठे करीब में मीत हो जब, साथ हो भीड़ रकीबों की, आदेश हो बुद्धिगरीबों की। सीधी राहों से कट लेना, ‘बागी’ की बातें रट…
प्रो. संजय द्विवेदी की उदार लोकतांत्रिक चेतना का प्रमाण उनकी सद्यः प्रकाशित पुस्तक ‘न हन्यते’ है। ‘न हन्यते’ पुस्तक में दिवंगत हुए परिचितों, महापुरुषों के प्रति आत्मीयता से ओत-प्रोत संस्मरण…
ट्रेन चलने को ही थी कि अचानक कोई जाना पहचाना सा चेहरा जर्नल बोगी में आ गया। मैं अकेली सफर पर थी। सब अजनबी चेहरे थे। स्लीपर का टिकट नहीं…
लखनऊ: उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद के गांव में घुसते ही एक आवाज सुनाई देती है, सुनो मैं प्रेमचंद। यह आवाज थोड़ी ही देर में प्रेमचंद की कहानियां सुनाने लगती है।…
मैंने महबूब को चांद, कह क्या दिया…! चांद कल रात हमसे, ख़फ़ा हो गया! चांद तनकर ये बोला कि, सुन ”अजनवी” तेरे महबूब में ऐसी, क्या है ख़ुबी…? मैं कहा…
धवल चांदनी छिटक रही है, नूर समेटे बांहों में। चुपके से आ जाओ प्रियतम, नैन निहारे राहों में। मन में विरह का ताप बहुत है, दूर..! निंद का डेरा है।…
दीवाना बन के आया हूँ, तेरे मयखाने में साकी। पीला दे रूप का मदिरा, मुझे दो घूंट ऐ साकी।। मुझे मदहोश कर दे तूँ, पीला के हुस्न का मदिरा। तुम्हें…