Kavita: भारत भाग्य विधाता

जनगण मंगल दायक जय हे भारत भाग्य विधाता। उत्तर में कैलाश मानसर है गंग सिंधु उद्गाता। दक्षिण में है हिन्दू सागर भारत तरल तरंगा। पूरब में है वंग की खाड़ी…

Pauranik Katha: हंस और कौवा

Pauranik Katha: पुराने जमाने में एक शहर में दो ब्राह्मण पुत्र रहते थे, एक गरीब था, तो दूसरा अमीर। दोनों पड़ोसी थे। गरीब ब्राह्मण की पत्नी उसे रोज़ ताने देती…

Kahani: 19 ऊंटों की कहानी

Kahani: एक गांव में एक व्यक्ति के पास 19 ऊंट थे। एक दिन उस व्यक्ति की मृत्यु हो गयी। मृत्यु के पश्चात वसीयत पढ़ी गयी। जिसमें लिखा था कि मेरे…

Pauranik Katha: गुरु मंत्र का प्रभाव

Pauranik Katha: स्कन्द पुराण के ब्रह्मोत्तर खण्ड में कथा आती है। काशी नरेश की कन्या कलावती के साथ मथुरा के दाशार्ह नामक राजा का विवाह हुआ। विवाह के बाद राजा…

Pauranik Katha: महादेव के भक्त भील-भीलनी की कहानी

Pauranik Katha: चंड नामक एक सरल हृदय का भील जंगल में रहता था। वहां टूटा-फूटा पुराना शिवालय था। उसमें कोई पूजा नहीं करता था। चंड उस मूर्ति को उठाकर अपने…

Pauranik Katha: माता पार्वती का महल लंका

Pauranik Katha: एक बार की बात है, देवी पार्वती का मन खोह और कंदराओं में रहते हुए ऊब गया। दो नन्हें बच्चे और तरह-तरह की असुविधाएँ। उन्होंने भगवान शंकर से…

Pauranik Katha: हमारा पौराणिक विज्ञान

Pauranik Katha: रात्रि के अंतिम प्रहर में एक बुझी हुई चिता की भस्म पर अघोरी ने जैसे ही आसन लगाया, एक प्रेत ने उसकी गर्दन जकड़ ली और बोला- मैं…

Kahani: हनुमान और अंगद दोनों ही समुद्र लांघने में थे सक्षम, फिर पहले हनुमान क्यों गए लंका!

“अंगद कहइ जाउँ मैं पारा। जियँ संशय कछु फिरती बारा॥” Kahani: अंगद बुद्धि और बल में बाली के समान ही थे। समुद्र के उस पार जाना भी उनके लिए बिल्कुल…