Poetry: हकीकत

इतना ही लो प्याली में, समा न जाओ नाली में। चुंबन-जैसी लगती है, प्यार भरा है गाली में। जोश दिला देती है वो, इतनी ताकत ताली में। वृक्षों में जीवन…

Poem: आ लौट चलें

आ लौट चलें एक दिन नाचते-नाचते पता लगा यह जो यहां आता है, कुछ सकुचाता, कुछ घबराता है, वह राजकुमार है, लुटेरे वंश की गद्दी का अकेला हकदार है। दिमाग…

Poetry: मालिक जिंदाबाद

मेरे प्यारे, कुत्ता भाइयो! तुम सो रहे हो, अपना भविष्य खो रहे हो। हम तुम्हें जगाने आए हैं, तुम्हारी नींद भगाने आए हैं। नसीहतें मानते रहो, चैन से सोना है…

Poem: नेता बनाम नेता

उस नेता ने नारा दिया था स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। अब नेता का नारा है अपनी तिजोरी भरना हमारा कर्मसिद्ध अधिकार है। उस नेता ने कहा था तुम मुझे…

Lokageet: छिओराम छिओ

ऊंची-ऊंची बखरी छवाय मोरे हीरा, छाय हरिअरवै बांस, रामा छाय हरिअरवै बांस। छिओराम छिओ, हो छिओराम छिओ। गोहूं के रोटिया तबै निक लागै, जो घिव मा चुपड़ी होय, रामा घिव…

Poem: जाड़ा जाय रहा है

चार महीना सुख से बीता, घुसुड़ रजाई मा जग जीता। इक-दूजे से लिपट-लिपटकर, सोवा हम तो चिपक-चिपककर। ऊ सुख अब तो मिलै न पाई, मौसम दूसर आय रहा है। सरवा…

Poem: चली-चला!

निशाना लगाया अचूक, फिर भी साला गया चूक। आया कैसा भूचाल, जितने हम थे वाचाल, उतना है बुरा हाल। हम फेल हो गए, पटरी से उतरी रेल हो गए, टूटी…

Poem: पप्पू ज्यादा बोल रहा है

बांहें अपनी खोल रहा है, जहर फिजां में घोल रहा है। माताजी उसको अब रोको, पप्पू ज्यादा बोल रहा है। अपनी ही धुन में रहता है, आंय-बांय कुछ भी बकता…

Poem: बिन कान में लपेटे

है राजनीति का मेरा बस इतना-सा पैमाना, मोदी को गालियों से भरपूर है खजाना। मुझको सभी कहते हैं विकलांग मानसिक हूं, फिर भी बनूंगा पीएम, मम्मी को है दिखाना। वोटों…

Poem: प्रियतम की हर बात बसन्ती!

नयनों पर छाता मधुमास, अधरों पर खिलता ऋतुरास। अंग-अंग केसर की क्यारी, मुख जैसे जलजात बसन्ती। प्रियतम की हर बात बसन्ती! रूप सुहाना, छटा सलोनी, एक-एक है अदा सलोनी। रोम-रोम…