Kahani: नीति और अनीति की कमाई का अंतर
Kahani: प्राचीन युग की बात है। तब प्रजा अधिकतर धर्म-परायण थी, फिर भी अधार्मिक तत्व किसी मात्रा में थे ही। अधिकांश व्यक्ति त्यागी, सेवापरायण एवं ईश्वरभक्त साधुजनों से सदुपदेश तथा…
Kahani: प्राचीन युग की बात है। तब प्रजा अधिकतर धर्म-परायण थी, फिर भी अधार्मिक तत्व किसी मात्रा में थे ही। अधिकांश व्यक्ति त्यागी, सेवापरायण एवं ईश्वरभक्त साधुजनों से सदुपदेश तथा…
Kahani: 31 दिसंबर की रात मोहन अपनी पत्नी अर्पणा संग एक दोस्त के यहां हुई नये साल की पार्टी से लौट रहा था, बाहर बड़ी ठंड थी। दोनों पति पत्नी…
Kahani: मैं एक घर के करीब से गुज़र रहा था कि अचानक से मुझे उस घर के अंदर से एक बच्चे की रोने की आवाज़ आई। उस बच्चे की आवाज़…
Kahani: एक बार की बात है, जंगल का राजा शेर सो रहा था। तभी एक रती चूहिया को अजीब सा खेल सूझा। वह उसके पेट पर जोर जोर से उछलने…
Pauranik Katha: अष्टावक्र इतने प्रकाण्ड विद्वान थे कि माँ के गर्भ से ही अपने पिताजी “कहोड़” को अशुद्ध वेद पाठ करने के लिये टोंक दिए, जिससे क्रुद्ध होकर पिताजी ने…
Kahani: एक किसान की बहुत ही सुन्दर बेटी थी। एक नौजवान लड़का उस किसान की बेटी से शादी की इच्छा लेकर किसान के पास आया। उसने किसान की बेटी से…
Kahani: एक समय की बात है किसी गांव में एक साधु रहते थे, वे भगवान की भक्ति में लीन रहते और निरंतर एक पेड़ के नीचे बैठ कर तपस्या किया…
Kahani: समुद्र तट के किसी नगर में एक धनवान वैश्य के पुत्रों ने कौआ पाल रखा था। वह उस कोए को बार-बार अपने भोजन से बचे अन्न देते थे। उनकी…
Pauranik Katha: संसार में भगवान की भक्ति सुख और शान्ति प्राप्त करने का अमोघ साधन है। इससे उत्तम साधन और कोई नहीं है, क्योंकि भक्त को ईश्वर का आश्रय रहता…
Kahani: गाँव के बीच शिव मन्दिर में एक संन्यासी रहा करते थे। मंदिर के ठीक सामने ही एक वेश्या का मकान था। वेश्या के यहाँ रात−दिन लोग आते−जाते रहते थे।…