Pauranik Katha: मर्यादा और संयम की प्रतीक माँ सीता
Pauranik Katha: रावण ने जब माँ सीता जी का हरण करके लंका ले गया तब लंका मे सीताजी वट वृक्ष के नीचे बैठ कर चिंतन करने लगी। रावण बार-बार आकर…
Pauranik Katha: रावण ने जब माँ सीता जी का हरण करके लंका ले गया तब लंका मे सीताजी वट वृक्ष के नीचे बैठ कर चिंतन करने लगी। रावण बार-बार आकर…
Pauranik Katha: रामायण का यह एक ऐसा पात्र है जिसकी चर्चा बहुत कम होती है। त्रिजटा को सीताजी ने बड़े प्रेम से मां कहा था। यह सौभाग्य और किसी को…
Pauranik Katha: राम और रावण की सेनाओं में भयंकर युद्ध चल रहा था। रावण का पुत्र मेघनाथ लक्ष्मण के सम्मुख युद्ध में रत था। तभी मेघनाथ ने लक्ष्मण पर अमोघ…
श्रीमन नारायण भगवान विष्णु को मानव रूप धारण करके श्रीराम के नाम से अवतरित होने का निर्णय हो चुका था। त्रेता युग के इस महाअवतार श्रीराम के समक्ष सबसे बड़ी…
Pauranik Katha: लंका में युद्ध अपने अंतिम पड़ाव पर था। श्रीराम की सेना आगे बढ़ती ही जा रही थी और रावण के अनेकानेक महारथी रण में वीरगति को प्राप्त हो…
Pauranik Katha: सुबह मेघनाथ से लक्ष्मण का अंतिम युद्ध होने वाला था। वह मेघनाथ जो अब तक अविजित था, जिसकी भुजाओं के बल पर रावण युद्ध कर रहा था, अप्रितम…
Pauranik Katha: लंका में महाबलशाली मेघनाद के साथ बड़ा ही भीषण युद्ध चला। अंतत: मेघनाद मारा गया। रावण जो अब तक मद में चूर था राम सेना, खास तौर पर…
सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् ए न ब्रूयात् सत्यम् अप्रियम्। प्रियं च नानृतम् ब्रूयात् ए एष धर्मः सनातनरू॥ सत्य बोलना चाहिये, प्रिय बोलना चाहिये, सत्य किन्तु अप्रिय नहीं बोलना चाहिये। प्रिय…