Poetry: संघर्षों में भी जो प्रसन्न
स्वप्न संजोए आंखों में, संकल्प लिए आगे बढ़ता। संघर्षों में भी जो प्रसन्न, नित नई सीढ़ियां चढ़ता।। धैर्यवान प्रेरणा पुंज। जीवन अनुपम वरदान। कथा सदा ही याद रहे, संकल्प जिनका…
स्वप्न संजोए आंखों में, संकल्प लिए आगे बढ़ता। संघर्षों में भी जो प्रसन्न, नित नई सीढ़ियां चढ़ता।। धैर्यवान प्रेरणा पुंज। जीवन अनुपम वरदान। कथा सदा ही याद रहे, संकल्प जिनका…
पृथ्वी का संरक्षक वन है, वन है तो जल देता घन है। जैव विविधता भी है उससे, जीवन को देता मलय पवन है।। औषधि का भंडारण है वह, धरती का…
बृजेंद्र खिल उठे हृदय का तंतु तंतु, जग उठें शीत में सुप्त जंतु। हँसती चहूं दिश होवे बयार, स्वागत को हो ऋतुराज द्वार।। जब रंगबिरंगी तितली बहकें, विविध भांति चिड़िया…
चंचल माहौर ‘स्वर’ एक आरजू उसके संग रहने की। हवाओं में संग उसके बहने की। जुस्तजू इतनी सी रहे वो मेरे साथ, आदत नहीं खुद को बदलने की।। दर्द देने…