Pauranik Katha: प्रणाम का महत्व

Pauranik Katha: महाभारत का युद्ध चल रहा था, एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर भीष्म पितामह घोषणा कर देते हैं कि मैं कल पांडवों का वध कर दूँगा।…

सत्यवादी शब्द वाण ही हमेशा चलाइये

सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् ए न ब्रूयात् सत्यम् अप्रियम्। प्रियं च नानृतम् ब्रूयात् ए एष धर्मः सनातनरू॥ सत्य बोलना चाहिये, प्रिय बोलना चाहिये, सत्य किन्तु अप्रिय नहीं बोलना चाहिये। प्रिय…

श्रीभारत सावित्री: महाभारत के श्लोकचतुष्टय को अवश्य जानिए

‘भारत सावित्री’ नाम महाभारत के अन्त में आया है। जैसे वेदों का सार गायत्री मन्त्र या सावित्री है, वैसे ही सम्पूर्ण महाभारत का सार धर्म शब्द में है। गायत्री भी…

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