Pauranik Katha: महादानी सूर्यपुत्र कर्ण की मृत्यु का रहस्य

Pauranik Katha: दुशासन को जब भीम ने मार कर उसका रक्त पिया और द्रौपदी के केश उसके खून से धुलवाए तो दुर्योधन की आँखों में खून उतर आया उसने आव…

Pauranik Katha: पौराणिक काल के 24 चर्चित श्रापों की कहानी

Pauranik Katha: सनातन पौराणिक ग्रंथों में अनेक श्रापों का वर्णन मिलता है। हर श्राप के पीछे कोई न कोई कहानी जरूर मिलती है। आज हम आपको 24 ऐसे ही प्रसिद्ध…

Pauranik Katha: असली अश्वमेघ यज्ञ

Pauranik Katha: महाभारत का एक प्रसंग हैं, अश्वमेध यज्ञ चल रहा था, बड़े-बड़े ॠषियों और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दी जा रही थी। कहतें हैं कि उस यज्ञ में बड़े-बड़े देवता…

Pauranik Katha: अर्जुन को पाशुपतास्त्र की प्राप्ति कैसे हुई

Pauranik Katha: अभिमन्यु वध से व्यथित और क्रोधित अर्जुन ने प्रतिज्ञा की कि ‘मैं कल सूर्यास्त तक अभिमन्यु की मृत्यु में कारण बने जयद्रथ का वध कर डालूँगा, नहीं तो…

Janmotsav Vishesh: शेषावतार श्री बलराम जी

Janmotsav Vishesh: भगवान श्रीकृष्णल के बड़े भाई बलराम जी जिन्हें बलदाऊ भी कहते हैं। भाद्रपद के कृष्णh पक्ष की षष्ठी को उनकी जयंती (जन्मोत्सव) मनाई जाती है, जिसे हलछठ भी…

Pauranik Katha: धृतराष्ट्र, पाण्डु और विदुर का कैसे हुआ जन्म, जानें क्या है कथा

Pauranik Katha: हस्तिनापुर नरेश शान्तनु और रानी सत्यवती के चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र हुए। शान्तनु का स्वर्गवास चित्रांगद और विचित्रवीर्य के बाल्यकाल में ही हो गया था, इसलिये…

Pauranik Katha: प्रणाम का महत्व

Pauranik Katha: महाभारत का युद्ध चल रहा था, एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर भीष्म पितामह घोषणा कर देते हैं कि मैं कल पांडवों का वध कर दूँगा।…

सत्यवादी शब्द वाण ही हमेशा चलाइये

सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् ए न ब्रूयात् सत्यम् अप्रियम्। प्रियं च नानृतम् ब्रूयात् ए एष धर्मः सनातनरू॥ सत्य बोलना चाहिये, प्रिय बोलना चाहिये, सत्य किन्तु अप्रिय नहीं बोलना चाहिये। प्रिय…

श्रीभारत सावित्री: महाभारत के श्लोकचतुष्टय को अवश्य जानिए

‘भारत सावित्री’ नाम महाभारत के अन्त में आया है। जैसे वेदों का सार गायत्री मन्त्र या सावित्री है, वैसे ही सम्पूर्ण महाभारत का सार धर्म शब्द में है। गायत्री भी…