Pauranik Katha: शिव-पार्वती के पुत्र अंधक की कथा

Pauranik Katha: वामन पुराण के अनुसार एक बार भगवान शिव और माता पार्वती घूमते हुए काशी पहुंच गए। वहां पर भगवान शिव अपना मुंह पूर्व दिशा की ओर करके बैठे…

Poem: पक्षी के परों का कंपन

अचानक किसी दिन कविता के साए मंडराने लगते देह के अज्ञात में तब वह अज्ञात सी जेहन में पुकार लगाती, दस्तक देती फिर एक आवाज़ गूंजती कठफोड़वे की ठक ठक…

Poetry: मैं नहीं गिरा

पैदा होते ही माँ की कोख से गिरा घुटनों के बल चलते हुए गिरा दौड़ते हुए गिरा सड़क पर साइकिल चलाते हुए गिरा ग्यारहवीं में फेल होने पर समाज की…

Poem: मुझे दहेज़ चाहिए

तुम लाना तीन चार ब्रीफ़केस जिसमें भरे हो तुम्हारे बचपन के खिलौने बचपन के कपड़े बचपने की यादें मुझे तुम्हें जानना है बहुत प्रारंभ से… तुम लाना श्रृंगार के डिब्बे…

Poetry: सूझ-बूझ कर कदम बढ़ाओ

कर्म धर्म कर्तव्य सुपथ है सतत साधना रत य़ह जीवन। सूझ-बूझ कर कदम बढ़ाओ कर्म योग साधक होवे मन।। ध्येय दृष्टि संकल्प तुम्हारा साधक पूर्ण सदा फलित हो। कृति सर्वोत्तम…

Pauranik Katha: गणेश जी का असली मस्तक कटने के बाद कहां गया

Pauranik Katha: भगवान श्री गणेश गजमुख, गजानन के नाम से जाने जाते हैं, क्योंकि उनका मुख गज यानी हाथी का है। भगवान गणेश का यह स्वरूप विलक्षण और बड़ा ही…

Pauranik Katha: पौराणिक काल के 24 चर्चित श्रापों की कहानी

Pauranik Katha: सनातन पौराणिक ग्रंथों में अनेक श्रापों का वर्णन मिलता है। हर श्राप के पीछे कोई न कोई कहानी जरूर मिलती है। आज हम आपको 24 ऐसे ही प्रसिद्ध…

Kahani: इत्र की महक

Kahani: मथुरा में एक संत रहते थे। उनके बहुत से शिष्य थे। उन्हीं में से एक सेठ जगतराम भी थे। जगतराम का लंबा चौड़ा कारोबार था। वे कारोबार के सिलसिले…

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